MBBS admission 2024 in India: अमित कुमार बिन्द ने जवाहर नवोदय विद्यालय में ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिला लिया और पढ़ाई की थी.
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MBBS in UP: भदोही की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक छात्र को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर एमबीबीएस में एडमिशन लेने का मंगलवार को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई और 11,000 रुपये जुर्माना लगाया.
पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि जिले के गोपीगंज थाना क्षेत्र के इब्राहीम पुर गांव के अमित कुमार बिन्द ने जवाहर नवोदय विद्यालय में ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिला लिया और पढ़ाई की थी. बाद में इसने 23 मार्च, 2010 को फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया और इसी आधार पर 2018 में दलित कोटे से मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, प्रयागराज में एमबीबीएस में दाखिला लेकर पढाई कर रहा था.
एसपी ने बताया कि गोपीगंज थाना क्षेत्र के विजय बहादुर उर्फ विश्राम नाम के एक व्यक्ति ने सात जून, 2018 को इस संबंध में शिकायत की और अमित कुमार बिन्द के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया.
कात्यायन ने बताया कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के बाद मेडिकल कालेज की तरफ से बिंद का एडमिशन रद्द कर उसे कॉलेज से निकाल दिया गया. विशेष अभियोजन अधिकारी रमेश चंद्रा ने बताया की इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबीहा खातून की अदालत में हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने बिंद को दोषी करार दिया और उसे सात साल के कारावास की सजा सुनाई और 11,000 रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया.
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