प्रेमेंद्र कुमार/फिरोजाबाद: भारत सरकार ने जिन लोगों को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की है, उसमें एक नाम फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद तहसील के निवासी एम्स (AIMS) के दिवंगत डॉक्टर जीएन पांडे का भी है. हालांकि, वे शिकोहाबाद से 50-60 साल पहले ही दिल्ली जाकर रहने लगे थे.  लेकिन जड़ें उनकी आज भी यहां से जुड़ी हुई हैं.


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Padma Vibhushan Awards 2021: जानें कौन हैं वो 7 शख्सियत जिन्हें मिल रहा है पद्म विभूषण 

नारायण इंटर कॉलेज से की पढ़ाई
जितेंद्र नाथ पांडे का जन्म फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में 14 जून 1941 को हुआ था. इनके पिता मदन मोहन पांडे शिकोहाबाद के नारायण इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के टीचर थे.  डॉ. जितेंद्र ने भी 12वीं तक कि शिक्षा इसी कॉलेज से पिता के सानिध्य में हासिल की थी.  जिसके बाद मेडिकल की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चल गए.  एम्स में मेडिकल की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे एम्स में ही अपनी सेवाएं देने लगे.


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राष्ट्रपति के चिकित्सकीय सलाहकार रहे
पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष रहते हुए वर्तमान राष्ट्रपति के चिकित्सकीय सलाहकार भी रहे. पिता के रिटायर्ड होने के बाद फिरोजाबाद जिले से रिश्ता काफी कम हो गया था. अब उनके परिवार या रिश्तेदारों में से कोई भी यहां नहीं रहता है.  लेकिन उनके साथ पढ़ें उनके सहपाठी जरूर मौजूद हैं. इस उपलब्धि से उनके साथ पढ़ने वालों में खुशी है. लोगों का कहना है कि यह अवार्ड उन्हें बहुत पहले जिंदा रहते मिल जाना चाहिए था.


बता दें कि सरकार ने 119 लोगों को पद्म अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया है. इसमें उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहने कल्बे सादिक और आजमगढ़ के मौलाना वहीदुद्दीन खान को भी शामिल हैं. मौलाना वहीदुद्दीन खान को सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण और कल्बे सादिक को पद्म भूषण दिया जा रहा है.  


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