लखनऊ: राजधानी लखनऊ में लगभग 1500 ऐसे संक्रमित हैं जो कोरोना टेस्ट के बाद से ही गायब है. कोरोना मरीजों के गायब होने की घटना से स्वास्थ्य विभाग की चूक और जिम्मेदार लोगों की लापरवाही सामने आ रही है. राजधानी में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दरअसल लोगों ने कोरोना टेस्ट के वक्त गलत जानकारी दर्ज कराई थी. जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो पता चला कि जो फोन नंबर और निवास का पता इन्होंने दर्ज कराया है वह फर्जी है. 


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गौरतलब है कि लखनऊ में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं और यह प्रदेश में पहले स्थान पर है. प्रदेश में कोरोना संबंधी इंतजामों की मॉनीटरिंग सीएम योगी खुद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजधानी से आने वाली ऐसी गड़बड़ी से लाखों लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है.


स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही


स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से राजधानी के लोगों की जान जोखिम में पड़ गई है. लोगों से  समय पर उनके परिचय और पहचान संबंधी कागजों की पड़ताल की जाती तो ऐसा मामला सामने नहीं आता. इसके साथ ही वह लोग भी जिम्मेदार हैं जो ऐसे फर्जीवाड़े कर अपने परिजनों के साथ पूरे समाज की जान जोखिम में डाल रहे हैं.  


लोगों की जारी पड़ताल
कोरोना की जांच के दौरान लोगों ने अपना पता, मोबाइल नंबर गलत दे रखा था, इस तरह के मामले बढ़ते ही लखनऊ स्वास्थ्य विभाग फिलहाल अब ऐसे लोगों की जांच में जुट गया है. इसके संबंध में सभी लैब को सूचित किया गया है कि बिना पहचान किए लोगों की जांच नही की जाए.साथ ही मामले की सूचना पुलिस को  गई है.


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