लखनऊ: हमीरपुर खनन घोटाले के बाद ईडी की टीम ने लखनऊ में स्मारक घोटाले में बड़ी छापेमारी की है. कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ी स्मारक घोटाला जांच अब प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार (31 जनवरी) को लखनऊ में 6 ठिकानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी 1400 करोड़ के स्मारक घोटाले से जुड़ी है. ईडी की छापेमारी गोमतीनगर और हजरतगंज इलाके में हुई. गौरतलब है कि स्मारक घोटाला का संबंध उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से है. इसलिए ये आशंका जताई जा रही है कि जांच की आंच बसपा सुप्रीमो तक पहुंच सकती है. 


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आपको बता दें कि बसपा मुखिया मायावती के कार्यकाल के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारक का निर्माण किया गया था. इसमें करीब 1400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था. सतर्कता अधिष्ठान ने 1400 करोड़ (14 अरब) के स्मारक घोटाले की जांच की थी. जांच के लिए विजिलेंस में सात इंस्पेक्टर की एक एसआईटी का भी गठन किया गया था. बताया जा रहा है कि विजिलेंस जांच की पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही ईडी ने कार्रवाई शुरू की है. 


समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में स्मारक घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी. एसपी के ही कार्यकाल में स्मारक घोटाले में गोमती नगर में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. हालांकि, शुरुआती तेजी के बाद मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई. करीब 5 साल के बाद फिर से शुरू हुई उस जांच में बसपा सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत तीन दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों और अन्य विभागों के अफसरों का फंसना तय माना जा रहा है. तमाम दुश्वारियों के बाद विजिलेंस इस मामले में जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपने की तैयारी में है, हालांकि इससे पहले वह इस पर विधिक राय भी लेगी ताकि कोई भी आरोपी कानून के शिकंजे से बचने में कामयाब न हो सके.


गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अवैध खनन मामले में सीबीआई ने छापेमारी की थी, जिसकी आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंची. लोकसभा चुनाव से पहले ईडी के ये जांच सपा-बसपा के गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है.