नैनीताल: उत्तराखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों और सरकार को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं पर खर्च की गई रकम को माफ करने वाले सरकार के अधिनियम को असंवैधानिक करार दे दिया है. ऐसे में अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से बंगले का किराया और अन्य सुविधाओं का पैसा देना होगा.


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दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्रियों को राज्य सरकार से बंगला, गाड़ी समेत कई अन्य सुविधाएं मिलती आई हैं. ऐसे में पिछले साल हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सभी सुविधाओं का किराया बाजार भाव से देना होगा. कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से 6 महीने में पूरा पैसा जमा करवाने के लिए कहा था. लेकिन, राज्य सरकार ने कुछ ही महीनों में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं जारी रखने के लिए 'पूर्व सीएम सुविधा एक्ट' बना दिया. जिसका विरोध करते हुए देहरादून की रुलक संस्था ने हाई कोर्ट में याचिक दायर की.


आज देहरादून की रुलक संस्था की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने 'पूर्व सीएम सुविधा एक्ट' को रद्द करते हुए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से सरकारी आवास, बिजली, पानी और अन्य भत्तों का किराया जमा करने का आदेश दिया है.