UP Air Pollution: उत्‍तर प्रदेश  में सर्दी की हल्की दस्तक के बीच ज्यादातर जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. प्रदूषण के चपेट में क्या छोटे-क्या बड़े सभी जिले आ गए हैं.  पश्चिमी यूपी ही नहीं पूर्वांचल के कई जिले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं.नोएडा,  गाजियाबाद, मुरादाबाद के बाद लखनऊ, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर में प्रदूषण का स्‍तर खराब श्रेणी में गिना जा रहा है. गाजियाबाद और नोएडा की स्थिति बेहद खराब है. इन जगहों पर प्रदूषण पर्यावरण के साथ-साथ हमारी हेल्थ के लिए भी खतरनाक है.हालात ऐसे हैं कि गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, मेरठ, आगरा समेत कई शहरों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. हवा में जहर जैसा घुल गया है.  हालांकि, योगी सरकार में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्‍ती से निपटने के आदेश दिए हैं.


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‘क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण’ (Clean Air Management Authority)
उत्तर प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार ‘क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण’ का गठन करने जा रही है.  यह प्राधिकरण विभिन्न विभागों के सहयोग से प्रदूषण पर अंकुश लगाएगा. 


कौन सा है सबसे प्रदूषित शहर?
शहर                                 AQI स्‍तर 
गाजियाबाद                            208
नोएडा                                  215
लखनऊ                                158
मेरठ                                     192
आगरा                                   176
मुजफ्फरनगर                         185
सहारनपुर                              171
बुलंदशहर                              180
हापुड़                                    189
अलीगढ़                                170
इटावा                                   165
बांदा                                     153
गोरखपुर                                106
वृंदावन                                 169
मुरादाबाद                             153
रामपुर                                  154
बहराइच                               152
शाहजहांपुर                           129
बदायूं                                   129
बरेली                                   129
प्रयागराज                             121
वाराणसी                              93


गर्भवती मह‍िलाएं दें ध्‍यान 
हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने का असर बड़े बुजुर्गों और बच्चों पर खासतौर से देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से लोगों में सांस की बीमारी बढ़ रही है.जानकारों का कहना है कि लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ समेत यूपी की कई जगहों पर हवा जहरीली हो गई है. यहां एक्‍यूआई खराब श्रेणी में है. इसका नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे संक्रमण और सांस की समस्याएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना आवश्यक हो तो उन्हें एन95 मास्क पहनें. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करें. डॉक्टरों के मुताबिक ऐसी हवा में लोगों को सावधान रहने की ज़रूरत है.सुबह के समय की सैर और रनिंग नहीं करने की सलाह दी गई है. 


कितना एक्‍यूआई स्‍तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्‍ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 51 से 100 के बीच है तो मध्‍यम है. इसके अलावा अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्‍यूआई स्‍तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है. 


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