गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक नए टाउनशिप बसाने की योजना को स्वीकृति मिल गई है. दर्सल एक नया शहर बसाया जाएगा जोकि नया गाजियाबाद नहीं बल्कि जीडीए हरनंदीपुरम नाम से यह नया शहर होगा. जिसके लिए मेरठ में हुई गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी बोर्ड (GDA Board) की एक मीटिंग में मंजूरी दे दी गई. जीडीए इसे इंदिरापुरम की तर्ज पर बसाने की योजना में है. सोमवार की बैठक में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने इसके प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी. जिसका नाम अब हरनंदीपुरम कर दिया गया है. यह आवासीय योजना  कुल 541.65 हेक्टेयर जमीन पर बसेगी जोकि गांव मथुरापुर, नंगला फिरोज मोहनपुर से लेकर शमशेर, चंपतनगर, भनैड़ा खुर्द जैसे गांवों के पास होगा.


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बोर्ड में कुल 24 प्रस्ताव थे
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत अब हरनंदीपुरम शहर बसाने की योजना सरकार को भेजा जाएगा और भूमि खरीद के लिए फंड दिया जाएगाय उसके बाद जीडीए इस क्षेत्र के किसानों की भूमि खरीद की प्रक्रिया शुरू कर देगा. किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ही जीडीए बोर्ड ने जमीन खरीदने व मूल्य तय करने के लिए समिति के गठन की परमिशन दी है. बोर्ड में कुल 24 प्रस्ताव थे और सभी को मंजूरी दे दी गई. 


बड़े प्लॉट खरीदने के लिए सबको अवसर
जीडीए के 2 हजार वर्ग मीटर या फिर उससे बड़े भूखंडों को खरीदने का हर एक को अवसर मिलेगा. प्राधिकरण ने इस बाबत नियम व शर्तें भी बदल दी हैं. कोई भी व्यक्ति बड़े भूखंड खरीद पाएगा. 2 हजार वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंड खरीदना है तो इसके लिए टू बिड सिस्टम लागू किया गया था जिसके अंतर्गत भूखंड खरीदने के लिए नीलामी में हिस्सा नेने वालों का हैसियत प्रमाणपत्र मांगा जाता था, इसके अलावा पूर्व में ऐसे ही निर्माण कार्य की तकनीकी जानकारी भी मांगी जाती है लेकिन अब नियम व शर्तें बदलते हुए इन दोनों प्रमाण पत्रों की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. 


घर बनाने का सपना होगा पूरा 
पिछले 12 साल से जो लोग वेव सिटी में अपना घर होने का इंतजार कर रहे तो उनके लिए ये एक राहत भरी खबर है. 4196.30 एकड़ जमीन की संशोधित डीपीआर वेव सिटी ने मंजूर करवाई पर अब 3786.79 एकड़ का लेआउट पास करवाया जिससे लगभग 3 हजार की संख्या में आवंटियों को लाभ होगा. ऐसा इस वजह से क्योंकि उन लोगों ने वेव सिटी के फेस-2 में भूखंड को बुक करवाया. वेव सिटी के पदाधिकारियों के मुताबिक लेआउट पास हो गया है और केवल 6 महीने के भीतर ही लोगों को भूखंड पर कब्जा दिया जाएगा.


इंदिरापुरम में होगा अपना भूखंड!
इंदिरापुरम के विस्तार के लिए भी एक प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी गई है. ग्रुप हाउसिंग के तीन प्लॉट को  दरअसल छोटे आवासीय भूखंड बनाकर बेचे जाने की बोर्ड से मंजूरी  मिली है. यह करीब 30 हजार वर्ग मीटर की भूमि है जिसमें जीडीए ने 116 आवासीय भूखंड के साथ ही 4 कमर्शल भूखंड का लेआउट बनाया है. जहां के विकास कार्य और ग्रीन बेल्ट की भूमि को छोड़ने पर जो भी खर्च आएगा, उसको भी इसकी कीमत में जोड़ी जाएगा.


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