पीयूष गौड़/Ghaziabad News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से गाजियाबाद का दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर का कॉरिडोर भी शामिल है. जिस पर जल्दी काम शुरू होने वाला है. जल्दी दूधेश्वर नाथ गलियारा का काम शुरू किया जाएगा. पर्यटन विभाग ने इसके लिए 6 करोड़ रुपये जारी किए हैं. शासन को डीपीआर भी तैयार कर भेज दी गई है. जल्द ही भव्य कॉरिडोर का काम शुरू किया जाएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नहीं होगी फंड की कमी
गाजियाबाद मेयर सुनीता दयाल ने बताया कि दूधेश्वर कॉरिडोर को किसी तरह के फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी. यहां लोगों की भी इतनी बाबा दूधेश्वर में इतनी आस्था है कि वह अपने पास से भी फंड उपलब्ध करा देंगे, उनकी निगम की केवल एक ही इच्छा है कि कॉरिडोर को भव्य बनाया जाए. यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को कॉरिडोर बनाने के लिए कार्य संस्था चयनित किया गया है. मौजूद दुकानों के विस्थापन के बाद कॉरिडोर का काम शुरू कर दिया जाएगा.


तीन चरणों में होगा काम
गाजियाबाद के नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया गया कि जल्द ही कॉरिडोर का काम शुरू होगा, कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जा रही है. जिसमें पहले दुकानों का विस्थापन डीपीआर और फिर डीपीआर पर काम करते हुए भव्य कॉरिडोर का निर्माण करना है. मंदिर का ड्रोन सर्वे भी कर लिया गया है. वहां जो दुकानें बनी है, उनको विस्थापित करने की बात की जा रही है. विस्थापित होने के बाद मंदिर कॉरिडोर का काम शुरू कर दिया जाएगा.


 बनेगा भव्य कॉरिडोर
प्रस्तावित डीपीआर पर काम करते हुए यहां पार्किंग चौड़ी सड़क और सौंदर्य करण के कार्यों के साथ में भव्य कॉरिडोर बनाया जाएगा. दुकानों को शिफ्ट करने के लिए निगम ने स्थान का भी चयन कर लिया है. जल्दी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए उनके विस्थापन का काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रस्तावित डीपीआर पर काम करते हुए जल्द ही दूधेश्वर नाथ गलियारा का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.


दूधेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी मान्यता
गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर को इस मंदिर के साथ लाखों करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. दूधेश्वर मंदिर का संबंध रावण काल से जोड़ा जाता है. पौराणिक मान्याओं के अनुसार यहां रावण और उनके पिता ऋषि विश्रवा ने तपस्या की थी. इसी जगह दो दूधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है. एक मान्यता यह भी है कि यहां शिव जी खुद प्रकट हुए थे. जमीन के नीचे तीन फीट की शिवलिंग यहां आज भी मौजूद है.


कुएं से जुड़ी किवदंती
किवदंती यह भी है कि यह मंदिर वहां स्थित है, जहां एक गाय अपना दूध गिरा देती थी. गाय जब यहां पहुंचती तो उसके दूध की धार बंध जाती. लोगों ने यह नजारा देख तो यहां खुदाई शुरू की गई. इस दौरान यहां शिवलिंग मिला. इसके बाद स्थापना कर पूजा कर भगवान शिव की पूजा की जाने लगी. परिसर में एक कुआं भी है. जहां का पानी कभी मीठा तो कभी दूध जैसा स्वाद देता है.


Ghaziabad News: 20 करोड़ की संपत्ति देख लड़की को फंसाया, सगाई की और शादी के पहले कर दिया कांड


Nursery Admission 2025: नोएडा-गाजियाबाद के पैरेंट्स नर्सरी एडमिशन में न करें देरी, फटाफट नोट कर लें लास्ट डेट