गाजियाबाद में भी बन रही गौर सिटी जैसा शानदार टाउनशिप, आठ गांवों की जमीन बनी सोना
अगर आप गाजियाबाद में अपना घर बनाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छा मौका है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने हरनंदीपुरम टाउनशिप योजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना के लिए 521 हेक्टेयर जमीन की खरीद की जाएगी.
हरनंदीपुरम टाउनशिप योजना
दरअसल, योगी सरकार गाजियाबाद में हरनंदीपुरम टाउनशिप योजना बसाने जा रही है. जीडीए इसके लिए जमीन खरीद की शुरुआत कर दी है.
जमीन खरीद शुरू
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने मकरमतपुर-सिकरोड़ गांव में 900 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा करा लिया है. इसके साथ ही जमीन खरीद शुरू हो गई है.
सड़क निर्माण शुरू होगा
बताया गया कि इस जमीन का इस्तेमाल सड़क निर्माण के लिए किया जाएगा. 45 मीटर चौड़ी यह सड़क राजनगर एक्सटेंशन में अजनारा सोसायटी रोड से ग्राम मकरमतपुर-सिकरोड़ होते हुए मोरटा से दिल्ली-मेरठ रोड जोड़ेगी.
सरकार करेगी भुगतान
इस योजना में जमीन खरीदने के लिए 50 फीसदी भुगतान प्रदेश की योगी सरकार करेगी. वहीं, 50 फीसदी बजट गाजियाबाद विकास प्राधिकरण वहन करेगा.
किसानों को दिखाने होंगे कागजात
बताया गया कि जिन किसानों की जमीन इस योजना में आ रही है उसे खसरा नंबर सहित अपने सभी जरूरी दस्तावेज अथॉरिटी के कार्यालय में जमा करना होगा.
जीडीए अफसरों ने किया ड्रोन से सर्वे
जमीन खरीद शुरू होने से कुछ समय पहले ही जीडीए के अफसरों ने हरनंदीपुरम टाउनशिप योजना के लिए जमीन का सर्वे किया था.
सर्वे के बाद जमीन खरीद शुरू
सर्वे के बाद अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने टेंडर के जरिए किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह का कहना है कि योजना को धरातल पर लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
इन गांवों के किसानों की चमकी किस्मत
हरनंदीपुरम टाउनशिप योजना में आधा दर्जन गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी. नगला फिरोजपुर गांव में 200.81 हेक्टेयर जमीन खरीद की जाएगी.
कहां कितनी जमीन खरीदी जाएगी
मथुरापुर गांव की 15.73 हेक्टेयर, शमशेर गांव में 120.82 हेक्टेयर, चंपत नगर गांव में 40.68 हेक्टेयर, भनेडा खुर्द में 12.83 हेक्टेयर, शाहपुर निज मोरटा 68.93 हेक्टेयर, भोवापुर में 59.78 हेक्टेयर और मोरटा में 5.36 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.