Bangladesh Violence News: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी संग्राम की आग फैलने के बाद हुए तख्तापलट से भारत की चिंताएं बढ़ गई है. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना अपना देश छोड़कर भारत में हैं. इसके बीच विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ने बांग्लादेश के अंदर हिंदू और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और अराजकता को रोकने को कहा है. आलोक कुमार के अनुसार पड़ोसी देश बांग्लादेश में हसीना सरकार के त्यागपत्र देने और देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है.


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अल्पसंख्यक हो रहे उत्पीड़न के शिकार
आलोक कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से हिन्दू और सिखों के साथ अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. सोमवार रात तक अकेले पंचगढ़ जिले में 22 घर, झीनैदाह में 20 घर व जैसोर में 22 दुकानें हिंसा करने वालों के निशानों पर आए हैं. यहां तक इन कट्टरपंथियों ने शमशान तक नहीं छोड़े हैं. पूरे बांग्लादेश में एक भी ऐसा जिला नहीं बचा है जहां अल्पसंख्यकों ने हिंसा और आतंक न झेला हो. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में पहले 32 फीसदी हिंदू थे जो कि अब मात्र 8 फीसदी रह गए हैं. इससे साफ दिखाई दे रहा है कि बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यक लगातार उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं. 


हालत बद से बदतर
विहिप अध्यक्ष के अनुसार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. वहां पर किसी भी अल्पसंख्यक की दुकान, मकान व आस्था के केंद्र तक सुरक्षित नहीं हैं. यह वहां की सरकार की जिम्मेदारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक संमुदाय के मानवधिकार और सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए. यह स्थिति बहुत खराब है और भारत इसके लिए आंखें नहीं मूंद सकता है. भारत ने शुरू से उत्पीड़ित समाज की सहायता की है.  


हो सकती है घुसपैठ
आलोक कुमार ने आगे कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए कुछ लोग इस बात का फायदा उठा सकते हैं. इस कारण सीमा पार से घुसपैठ करने को लेकर एक बड़ा प्रयत्न हो सकता है. इसलिए भारत के सुरक्षाबल भी फिलहाल सीमा पर अधिक चौकसी के साथ ध्यान रखें. आलोक कुमार ने बांग्लादेश में जल्दी ही लोकतंत्र और धर्मनिर्पेक्ष सरकार बनने के साथ बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति को लिए जोर दिया. 


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