गोंडा: गोंडा में एक साथ कई डॉक्टरों ने डीएम मार्कंडेय शाही पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने इस्तीफा दिया हैं. अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ 16 समुदायिक स्वास्थ्य चिकित्सा अधीक्षकों के सामूहिक इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को तीन और डॉक्टरों ने इस्तीफा सौंपा है. अब तक कुल 20 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं. आज अपर स्वास्थ्य निदेशक देवीपाटन मंडल की अगुवाई डॉक्टरों ने बैठक कर आगे की रणनीति बनाई है.


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बता दें मामला  6 जुलाई की देर शाम का है. आरोप है कि कोविड-19 को लेकर एक बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एपी सिंह के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया था. इसके अलावा डीएम ने अधिकारी को फटकार भी लगाई. इसी बात से आहत होकर इसी बात से आहत होकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से सीएमओ को इस्तीफा सौंपा है.


अपर स्वास्थ्य निदेशक देवीपाटन मंडल डॉक्टर आनंद ओझा का कहना है कि इस महामारी के दौरान डॉक्टरों ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. उसके बाद भी लगातार डॉक्टर के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. डॉक्टरों के साथ सहयोग की भावना होनी चाहिए. हमारा पूरा विभाग लगातार सेवा करने के लिए प्रयासरत है. 


पीड़ित अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वह जनवरी 2021 से मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने कहा कि जहां कोरोना काल में लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे. वहीं, हम लोग एक भीड़ भरे हाल में समीक्षा बैठक देते थे. उन्होंने कहा कि यह 1 दिन की घटना नहीं है, पूरा कोविड-19 झेला है. उन्होंने कहा कि 22 वर्ष की सेवा बेदाग उत्कृष्ट सेवा इसलिए नहीं की, कि कोई भी आदमी सामने की कुर्सी पर बैठा हुआ हमारे मनोबल को तोड़े. मैं इससे दुखी हूं इसीलिए अपने पद से इस्तीफा दिया है. 


बीएमएस संघ के अध्यक्ष डॉ टीपी जयसवाल ने बताया है कि लगातार काम करने के बाद भी डॉक्टरों का मनोबल तोड़ा जा रहा है. डॉक्टरों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग निकम्मा कामचोर जैसे शब्द का प्रयोग जिलाधिकारी महोदय द्वारा किया गया है, जिससे पूरा डॉक्टर समाज आहत है. उच्च अधिकारियों के निर्देशन में बैठक कर रणनीति बनाई जा रही है.