Bhulai Bhai Passed Away: भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई को खो दिया है. उन्होंने 111 साल की उम्र में यूपी के कप्तानगंज में गुरुवार को शाम 6 बजे अंतिम सांस ली. आपको बता दें कि कोविड के दौरान खुद भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका हालचाल जानने के लिए फोन किया था.


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यूपी के कप्तानगंज में ली अंतिम सांस
बीते गुरुवार को भुलई भाई जी ने अपनी अंतिम सांस यूपी के कप्तानगंज स्थित पराग छपरा में उनका निधन हुआ.उनका असली नाम श्री  नारायण था. लेकिन दुनिया में वे भुलई भाई के नाम से ही मशहूर थे.  जाानकारी के मुताबिक सोमवार के दिन अचानक से उनकी तबीयत  खराब हो गई थी. जिसके बाद से ही डॉक्टरों के द्वारा उनको पराग छपरा स्थित उनके घर में ऑक्सीगंज सपोर्ट पर रखा गया था. 


केसरिया गमछा थी उनकी पहचान
भुलई भाई की पहचान उनके गमछे से भी होती थी.जानकारी के अनुसार भारतीय जनसंघ की स्थापना होने के दौरान वह एमए की छात्र थे. तभी वे दीनदयाल उपाध्याय के विचारों से प्रभावित होकर उन्हीं के सिद्धांतों पर काम करने का फैसला लिया. इस बीच भुलई भाई ने एमए के बाद एमएड किया. वह हमेशा अपने साथ केसरिया रंग का गमछा रखते थे. तभी से वह केसरिया गमछा उनकी पहचान बन गया था.


शिक्षा अधिकारी
एमएड करने के बाद भुलई भाई को शिक्षा अधिकारी के पोस्ट पर तैनात किया गया था. लेकिन दीनदयाल उपााध्याय के विचारों से प्रभावित होने के कारण 1974 में नौकरी छोड़ कर राजनीति में कदम रखा. ठीक उसी साल भाजपा के टिकट पर वे चुनाव लड़कर विधायक बने.  


1977 में चुनाव
1974 में हुए चुनाव में भुलई भाई नौरंगिया विधानसभा सीट पर तुनााव जीतकर विधायक बने थे. वहीं 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े. जहां फिर से चुनाव जीतकर वे विधायक बने. 


2022 में खास मेहमान
आपको बता दें कि 2022 में उत्तर प्रदेश में फिर से  बनी योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में वह एक खास मेहमान के रूप में आए थे. वहीं लखनऊ में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में भारत सरकार में गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा सम्मानित किया था.


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