Gorakhpur News, गोरखपुर: डॉक्टर साहब! मेरी बच्ची कभी सही नहीं हो पाएगी. किसी दूसरे बच्चे को इसका हर एक अंग लगा दीजिएगा. पत्र पर अपने दर्द लिखने वाले इस पिता अपनी बेटी को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में छोड़ आया. साथ में एक पत्र में उसने अपनी बेटी से माफी मांगते हुए ऐसा करने की पूरी वजह भी बताई. दरअसल, शुक्रवार सुबह गंभीर रूप से बीमार एक बच्ची लावारिस स्थिति में रोती पाई गई. मेडिकल चौकी पुलिस की मदद से बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया.


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जानकारी है कि 100 नम्बर वार्ड (पुराना बाल रोग विभाग) के पास दो साल की मासूम बच्ची को उसके परिजन रखकर चले गए. बच्ची को रोते हुआ साफ-सफाई करने वाली महिला कर्मचारी नजमा ने देखा और बच्ची के बारे में पता किया. लगभग, दो घंटे ढूंढने पर भी कोई नहीं मिला तो मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस को महिला ने सूचना दी. बताया जा रहा है कि एक झोले में दो जोड़ी कपड़े भी बच्ची के साथ थे और हवाई चप्पल भी. साथ में एक कागज में पिता ने अपनी मजबूरी लिखी थी. बाद में पुलिस ने बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंपा. गुलरिहा स्थित प्रोविडेंस होम में बच्ची को रखा गया है.


पिता ने जताई मजबूरी
पत्र में पिता ने अपनी मजबूरी बताते हुए लिखा है- 
मुझे ढूंढ़ने की कोशिश न करें, मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. बेटी का दिमाग सिकुड़ा है, झटका आता है. पहले इसके कान का इलाज करें. पिता ने आगे लिखा कि मेरी बेटी मुझे माफ कर देना. डॉक्टर साहब माफ कीजिएगा, इसके कारण मेरी पत्नी और बच्चों की सेहत पर बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है. आपको बता दें कि पत्र में 17 अगस्त 2022 बच्चे का जन्मदिन लिखा बताया गया है.


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मासूम का इलाज
बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन ने फैसला लिया है कि मासूम का पूरा इलाज किया जाएगा.कालेज के प्राचार्य डॉ. राम कुमार जायसवाल ने इस संबंध में जानकारी दी है कि अस्पताल और संसाधन इसी तरह के जरूरतमंदों के लिए हैं. बीआरडी में मासूम का नि:शुल्क इलाज होगा. जब चाहे चाइल्ड लाइन भर्ती करा सकती है.