Pilibhit News: भारत-नेपाल सीमा विवाद फिर से गहरा गया है. गुरुवार को नेपाली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तंभ संख्या 27 और 28 के बीच खेती कर रहे भारतीय ग्रामीणों को रोक दिया और दावा किया कि यह भूमि नेपाल के क्षेत्र में आती है. इस घटना के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया.


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क्या है मामला?
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास शारदा नदी के पार सीमावर्ती भूमि पर विवाद शुरू हुआ. वर्षों से इस क्षेत्र में खेती कर रहे भारतीय ग्रामीणों को नेपाली पुलिस ने रोकते हुए कहा कि यह उनकी जमीन है. ग्रामीणों ने इसे झूठा दावा बताते हुए विरोध किया. मामला बढ़ने पर सशस्त्र सीमा बल  के जवान मौके पर पहुंचे. एक घंटे तक चले विवाद के बाद नेपाली पुलिस वहां से वापस लौट गई.


दो ग्रामीण हिरासत में
ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक सप्ताह पहले नेपाली पुलिस ने पीलीभीत निवासी रंजन विश्वास और चितरंजन सरकार नामक दो युवकों को धोखे से अपनी सीमा में बुलाया और हिरासत में ले लिया. नेपाली पुलिस ने इन युवकों पर सीमा अतिक्रमण का आरोप लगाया है और कहा कि उन्हें कोर्ट के आदेश के बाद ही छोड़ा जाएगा.


ग्रामीणों का पक्ष
गोरखडिब्बी गांव के निवासियों ने बताया कि स्तंभ संख्या 27 और 28 के बीच की भूमि उनकी पैतृक संपत्ति है. अचानक नेपाली पुलिस और वन विभाग ने इस क्षेत्र पर अपना दावा करना शुरू कर दिया है.


प्रशासन का बयान
थाना प्रभारी अशोक पाल ने कहा कि यह विवाद सीमांकन को लेकर है. स्थानीय प्रशासन ने नेपाली अधिकारियों से वार्ता करने की योजना बनाई है. ग्रामीणों से उनकी जमीन के कागजात मांगे गए हैं, जिन्हें नेपाल के अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. शुक्रवार को प्रशासन की टीम विवादित स्थल पर जाकर मुआयना करेगी. तब तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया है. 


विवाद का कारण
सीमा क्षेत्र में सीमांकन को लेकर स्पष्टता की कमी के चलते अक्सर ऐसे विवाद सामने आते हैं.  यह क्षेत्र शारदा नदी के पास स्थित है, जहां लंबे समय से भारतीय ग्रामीण खेती करते आ रहे हैं. हालांकि नेपाल की ओर से इस भूमि पर समय-समय पर दावा किया जाता रहा है. 


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