Kushinagar News/प्रमोद कुमार: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से गोरखपुर ATS को बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. जहां ATS ने दो जालसाज को गिरफ्तार किया. गोरखपुर की ATS ने कार्रवाई करते हुए कुशीनगर से सीएचसी के एक कर्मचारी के साथ सीएसपी के संचालक को गिरफ्तार किया है. दोनों पर फर्जी सरकारी कागजात बनाने का आरोप है. इससे पहले कुछ दिन पूर्व ही कई कर्मचारी फर्जी आयुष्मान कार्ड घोटाले में गिरफ्तार हुए थे. 


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रायबरेली में फर्जी प्रमाण पत्रों की ही रही थी जांच
रायबरेली में फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच कर रही ATS टीम ने कुशीनगर से दो जालसाजों को हिरासत में ले लिया. यूपी ATS के आने की सूचना से हड़कंप मच गया. यूपी ATS टीम ने सबसे तरयासुजान थाने के भावपुर में सीएसपी चला रहे संजीव सिंह को हिरासत में लिया इसके बाद टीम ने विशुनपुरा सीएचसी में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर तैनात सतीश सोनी को गिरफ्तार किया. यूपी ATS की टीम दोनों को लेकर लखनऊ रवाना हो गई है. बताया जा रहा है की यूपी ATS की गिरफ्त में आए संजीव और सतीश ने बड़ी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया था. दोनों के तार रायबरेली में बनाए गए लगभग 35 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह से जुड़े हुए हैं.


35 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हुए थे जारी
दरअसल, रायबरेली से लगभग 35 हजार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए जिनमें से मुस्लिम बहुल सिलोन गांव ही लगभग 19 हजार जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए थे. इस खेल में एक प्रतिबंधित संगठन के एक सदस्य का प्रमाण पत्र शामिल था. इस मामले की जांच केरल पुलिस ने शुरू किया तो पता चला की कई जन्म प्रमाण पत्र रायबरेली के सालोन तहसील से जारी किया गया था. इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मामले शिकायत की.


मामला केरल से जुड़ा हुआ
मामला केरल के एक प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा होने के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी ATS को जांच सौंप दिया. यूपी ATS ने जब जांच शुरू किया तो कुशीनगर के संजीव और सतीश का नाम भी सामने आया. जिसके बाद यूपी ATS की टीम ने तरयासुजान थानाक्षेत्र के भावपुर में सीएसपी चला रहे संजीव सिंह और विशुनपुरा सीएचसी में डाटा एंट्री के पद पर तैनात सतीश सिंह को गिरफ्तार कर लिया. टीम दोनों को साथ लेकर लखनऊ रवाना हो गई. विशुनपुरा सीएचसी के प्रभारी डाक्टर जीशान अलीम ने बताया की बीती शाम कुछ लोग सीएचसी पर आए उन्होंने ने अपने आप को स्पेशल टीम का सदस्य बताते हुए डाटा इंट्री ऑपरेटर संजीव से पूछताछ किया और फिर उन्हें अपने साथ लेकर चली गई.


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