Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय बनकर तैयार हो रहा है, जिसका निर्माण कार्य इस महीनें के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर बने इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के क्षेत्र में पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ ही समयानुकूल और रोजगारपरक नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में आयुष विभाग देश के अन्य राज्यों में चल रहे पाठ्यक्रमों का तुलनात्मक अध्ययन कर रहा है. ताकि यहां चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट  आसानी से तैयार किया जा सके.


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इसकी नींव पूर्व राष्ट्रपति ने रखी 
भटहट के पिपरी क्षेत्र में 52 एकड़ में फैले इस आयुष विश्वविद्यालय की नींव 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी थी. यह विश्वविद्यालय प्रदेश में आयुष चिकित्सा शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगा, इसमें पीएचडी, बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, पंचकर्म असिस्टेंट और थेरेपिस्ट डिप्लोमा सहित कई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे.


एक लाख से अधिक मरीजों को मिल चुका लाभ  
वर्तमान में यहां आयुष ओपीडी का शुरू हो रहा है, जिसका शुरुआत15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. ओपीडी में अब तक एक लाख से अधिक मरीज आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों का लाभ ले चुके हैं. जल्द ही यहां आयुष अस्पताल भी चालू होगा, जिससे लोगों को आयुर्वेदिक, यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ मिलेगा.


टूरिज्म  को बढ़ावा मिलेगा 
इस विश्वविद्यालय से क्षेत्र में हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और औषधीय खेती से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. आसपास के गांवों के किसानों को औषधीय खेती में लाभ होगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आ सके. 


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डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.