लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रोड सेफ्टी के मद्देनजर सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. बताया जा रहा है कि नवनिर्मित सड़कों का 5 साल तक रखरखाव अब ठेकेदार ही करेंगे. नियमों में बदलाव के लिए सरकार जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी. बता दें, अभी अलग-अलग श्रेणी की सड़कों के लिए रखरखाव की अवधि 1 से 2 साल की है. माना जा रहा है कि इसके जरिए आने वाले समय में निर्माण की गुणवत्ता अच्छी रखने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक नया ऐप तैयार किया गया है. 


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15 मार्च से लॉन्च हो रही IRAD ऐप
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय की पहल पर एक नई परियोजना तैयार की गई है. इस परियोजना का नाम है एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (Integrated Road Accident Database, IRAD), जिसके तहत IIT चेन्नई और NIC की मदद से एक ऐप तैयार की गई है. इस ऐप में सभी ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे. साथ ही, उन एरिया में हादसों की वजह जान कर उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा, देशभर में होने वाले सड़क हादसों का भी विश्लेषण किया जाएगा. एडीजी यातायात ने प्रदेश के सभी जिलों में 15 मार्च से ऐप इस्तेमाल करने के निर्देश दे दिए हैं. 


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Android पर उपलब्ध है ये ऐप
पहले चरण में यह परियोजना यूपी के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान व तमिलनाडु में लागू की जा रही है. आईआरएडी ऐप के प्रशिक्षण के लिए इन राज्यों में कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. यह ऐप एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.


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सड़क दुर्घटनाएं कम करने में मिलेगी मदद
जानकारी मिली है कि ट्रैफिक पुलिस सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित सभी जानकारियां अब IRAD ऐप पर फीड करेगी. यह योजना 15 मार्च से पूरे प्रदेश में शुरू होने वाली है. इससे सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़े जुटाने और उनका विश्लेषण करने में मदद मिलेगी. यातायात मंत्रालय एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर डेटा की मदद से सुधार के उपाय खोजेगा. और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश करेगा. 


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