अभिषेक माथुर/हापुड़ : हापुड़ की अदालत ने साल 2018 में हुई मॉब लिचिंग मामले में अपना फैसला सुनाया है. हापुड कोर्ट ने 10 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 59-59 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हापुड़ में गोकशी की झूठी अफवाह के बाद 45 वर्षीय एक शख्‍स की हत्‍या कर दी गई थी.  


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ऐसे फैली थी हिंसा 
दरअसल, हापुड़ के पिलखुवा थाना क्षेत्र के बझेड़ा गांव में साल 2018 में गोकशी की झूठी अफवाह फैला दी गई थी. इसके बाद भीड़ ने तीन आरोपितों पर हमला बोल दिया था. इसमें 45 वर्षीय कासिम की मौत हो गई थी. वहीं, उसका भाई  समयद्दीन गंभीर रूप से घायल हो गया था. 


कोर्ट में विचाराधीन था मामला 
इस पूरे मामले में हापुड़ पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश के कोर्ट में विचाराधीन था. मंगलवार शाम को अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश स्वेता दीक्षित के सभी 10 आरोपितों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई. 


कोर्ट ने 10 आरोपितों को ठहराया दोषी
एडीजीसी विजय चौहान ने बताया कि हापुड़ की एडीजे प्रथम/स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए मॉब लिंचिंग के 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 59-59 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 


इन आरोपियों को हुई सजा
एडीजीसी विजय चौहान ने बताया कि कोर्ट ने जिन 10 आरोपितों के खिलााफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उसमें युधिष्ठिर पुत्र शिवदयाल, राकेश पुत्र जगदीश, कालू उर्फ कप्तान पुत्र भोपाल सिंह, सोनू पुत्र सुरेश, मांगेराम पुत्र प्रेमपाल, रिंकू पुत्र सुखवीर, हरिओम पुत्र चंद्रपाल सिंह, मनीष पुत्र वीरेंद्र, ललित पुत्र गोपी, करणपाल पुत्र गजराज सिंह शामिल हैं. सभी बझेड़ा गांव के रहने वाले हैं. 


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