Uttarakhand News: उत्तराखंड के पौड़ी जिले से पोस्ट मास्टर के एक पत्र का फोटो वायरल होने के बाद, डाक विभाग की भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है. एक नए भर्ती हुए पोस्ट मास्टर ने जॉइनिंग के दौरान एक साधारण पत्र लिखने की कोशिश की, लेकिन उसमें इतनी गलतियाँ थीं कि सोशल मीडिया पर लोग इसे देखकर हैरान रह गए. हिंदी भाषा में अच्छी-खासी शिक्षा और अंक प्राप्त करने वाले इस शख्स ने अपने पत्र में 'कबूतर' की जगह 'कपुटर' लिखा, जिससे लोग समझ नहीं पा रहे कि ऐसे व्यक्ति को पोस्ट मास्टर की नौकरी मिली कैसे.


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सोशल मीडिया पर हुई किरकिरी
यह मामला तब सामने आया जब एक पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त व्यक्ति को अपनी जॉइनिंग प्रक्रिया के दौरान एक साधारण पत्र लिखने को कहा गया. लेकिन जब इस शख्स ने पत्र लिखा तो उसमें न तो व्याकरण का ख्याल रखा गया और न ही भाषा की शुद्धता. इस पत्र में उत्तराखंड के पौड़ी क्षेत्र में नियुक्ति के लिए लिखे पत्र में उसने न तो स्थान का नाम सही लिखा और न ही अपने पद का.


पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर आई
इतना ही नहीं, पत्र में एक भी लाइन ऐसी नहीं थी जो व्याकरण और वर्तनी की दृष्टि से सही हो. जैसे ही इस पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर आई, लोगों ने इसे खूब शेयर किया और टिप्पणी करते हुए इसे सरकारी भर्ती की एक गंभीर चूक बताया.


डाक विभाग की भर्ती पर उठ रहे हैं सवाल
इस घटना के बाद, डाक विभाग में हो रही भर्तियों की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि डाक सेवकों का चयन 10वीं कक्षा की मेरिट के आधार पर किया गया है. इस चयन प्रक्रिया में अधिकांश चयनित उम्मीदवारों के 90 प्रतिशत से अधिक अंक हैं, फिर भी उनके ज्ञान का स्तर अपेक्षा के अनुसार नहीं दिख रहा है. वायरल हुए पत्र में पोस्ट मास्टर का हिंदी ज्ञान तो बेहद कमजोर नजर आया. लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण नौकरी के लिए उचित योग्यता मानकों का पालन क्यों नहीं किया गया.


यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस पत्र को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. एक यूजर ने लिखा, "इसे कहते हैं अंधेर नगरी, जहां पढ़े-लिखे और योग्य लोग रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं हिंदी में 95 अंक लाने वाले एक साधारण पत्र भी सही नहीं लिख पा रहे हैं." एक अन्य यूजर ने उत्तराखंड के भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, "यहां अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत सही साबित हो रही है. पोस्ट मास्टर का हिंदी ज्ञान कमजोर होने के बावजूद उसे नौकरी मिल रही है."


भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग
इस घटना ने न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ी बल्कि प्रशासन के सामने भी भर्ती प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है. डाक विभाग का यह मामला बताता है कि केवल अकादमिक अंकों के आधार पर भर्तियाँ करने से न तो जरूरी योग्यता का सही मूल्यांकन होता है और न ही प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित होती है. ऐसे पदों के लिए उम्मीदवारों के भाषा और व्यावहारिक ज्ञान की भी जांच होनी चाहिए, ताकि वे अपने दायित्वों को सही ढंग से निभा सकें.


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