Rishikesh News: उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स को मिली `संजीवनी`, खराब मौसम और सड़क जाम होने पर भी समय से अस्पताल पहुंचेंगे मरीज
Rishikesh News: एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि संजीवनी योजना के तहत उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है, जो आपदाओं और दुर्घटनाओं के दौरान तुरंत चिकित्सा सहायता पहुंचाने में मददगार होगी. राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित इस योजना के तहत हर महीने कम से कम 30 जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.
Rishikesh News: उत्तराखंड में अब हेली एंबुलेंस सेवा से प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने घोषणा की कि यह सेवा न केवल उत्तराखंड के सभी जिलों में उपलब्ध होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसका लाभ मिल सकेगा. आपदाओं और दुर्घटनाओं के दौरान तत्काल चिकित्सा सहायता पहुँचाने के लिए यह हेली एंबुलेंस सेवा संजीवनी साबित होगी.
आपदाओं में जीवनरक्षक साबित होगी हेली एंबुलेंस
प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय हेली एंबुलेंस सेवा के कंट्रोल रूम से सीधे जुड़े रहेंगे. आपदा की स्थिति में यदि किसी मरीज को त्वरित चिकित्सा सेवा की आवश्यकता होती है, तो जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर हेली एंबुलेंस सेवा तुरंत सक्रिय हो जाएगी. इस सुविधा के माध्यम से, सुदूर क्षेत्रों में जहां अन्य परिवहन विकल्प उपलब्ध नहीं हैं, गंभीर स्थिति में मरीजों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सकेगी.
संजीवनी योजना: केंद्र और राज्य का संयुक्त प्रयास
संजीवनी योजना के तहत हेली एंबुलेंस सेवा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जा रही है. इस योजना के खर्च का 50-50 प्रतिशत भार दोनों सरकारें साझा करेंगी. योजना का उद्देश्य उत्तराखंड के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंदों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है. प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि हेली एंबुलेंस सेवा के तहत प्रत्येक महीने कम से कम 30 जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना अनिवार्य है, और एम्स ऋषिकेश का प्रयास रहेगा कि इस सेवा का अधिकतम लाभ लोगों को मिल सके.
भविष्य में आयुष्मान भारत से जुड़ने की संभावना
संजीवनी योजना के भविष्य के विस्तार के बारे में बात करते हुए, प्रो. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में इस हेली एंबुलेंस सेवा को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने पर विचार किया जा सकता है. इससे योजना का दायरा बढ़ेगा और अधिक मरीजों को लाभ मिल सकेगा. आयुष्मान भारत से जुड़े मरीजों को इस सेवा के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा.
हाईटेक सुविधाओं से लैस होगी हेली एंबुलेंस
हेली एंबुलेंस अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस होगी. इसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट और अन्य जीवनरक्षक उपकरण उपलब्ध रहेंगे. इसके अलावा, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और चिकित्सक भी हेली एंबुलेंस में मौजूद रहेंगे, जो उड़ान के दौरान मरीज की देखभाल सुनिश्चित करेंगे. एक समय पर हेली एंबुलेंस में एक मरीज को ही ले जाया जा सकेगा, ताकि उसकी पूरी देखभाल में कोई कमी न हो.
हेली एंबुलेंस सेवा से स्वास्थ्य सेवाओं में नई उम्मीद
उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा की शुरुआत न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करेगी बल्कि आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. संजीवनी योजना का यह प्रयास उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद लोगों तक त्वरित और उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने का एक अभिनव कदम है.
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