हाथरस केस वाली ``भाभी`` के बचाव में उतरे डीन, कहा- नहीं दिया कोई नोटिस
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने कहा कि शासन कोई आदेश देगा या कोई शिकायत मिलेगी तभी जारी डॉ. बंसल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
कर्ण मिश्रा/जबलपुर: हाथरस कांड में पीड़ित परिवार के साथ ''नकली भाभी'' बनकर रहने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल के लिए राहत भरी खबर है. मेडिकल कॉलेज के डीन उनके बचाव में आए हैं. उन्होंने किसी तरह के एक्शन या नोटिस की बात को नकार दिया है.
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने कहा कि शासन कोई आदेश देगा या कोई शिकायत मिलेगी तभी जारी डॉ. बंसल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है. डीन कसार ने कहा कि सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल में खबरें दिखाये जाने पर स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते हैं. वहीं डॉ. राजकुमारी बंसल के आचरण वाले सवाल पर डीन कसार ने कहा कि विभागाध्यक्ष द्वारा जो भी काम दिया जाता है, उसे वह ठीक से करती हैं. उन्हें पूछताछ के लिए शाम 4 बजे डीन कार्यालय बुलाया गया है.
आपको बता दें कि डॉक्टर पर हाथरस की पीड़ित परिवार के घर में कई दिन तक रहकर उन्हें राज्य सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ भड़काने का आरोप है. उन पर प्रदेश सरकार ने नक्सलियों से कनेक्शन होने का आरोप भी लगाया था. जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी और कहा था कि मीडिया वाले कुछ बोल रहे हैं. सबूत हैं तो आरोप सिद्ध करके दिखाओ.
इससे पहले खबरें आ रहीं थी कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज ने संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता के मामले में डॉक्टर राजकुमारी बंसल को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है. हाथरस में पीड़ित परिवार की बेहद नजदीकी रिश्तेदार बनकर मीडिया के साथ ही जिला प्रशासन को बयान देने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
हाथरस मामले में अपनी भूमिका पर उठ रहे सवालों पर डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा था कि वह इंसानियत के नाते हाथरस पहुंची गईं थी. पीड़िता के परिवार की मदद करना ही उनका मकसद था. इसके अलावा उन्होंने दावा किया था कि वह एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं. वह हाथरस पीड़िता की पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट देखना चाहती थीं. वह वहां सहानुभूति देने और संवेदना व्यक्त करने हाथरस गई थीं.
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