प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आपराधिक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक आजम खान, उनकी पत्नी और राज्यसभा सदस्य तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान की गिरफ्तारी पर बुधवार को रोक लगा दी. आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोप है कि अब्दुल्ला ने दो अलग-अलग जगहों- लखनऊ और रामपुर से दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाए और इसमें आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे की मदद की. न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.


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भाजपा के एक नेता आकाश सक्सेना द्वारा रामपुर जिले के गंज पुलिस थाने में 3 जनवरी, 2019 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी जिसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि इन जन्म प्रमाण पत्रों का उपयोग पासपोर्ट, पैन कार्ड बनवाने और विदेश यात्राओं में किया गया.  यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता के तहत कथित धोखाधड़ी के अपराधों के लिए दर्ज कराई गई थी.


याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए उनके वकील ने दलील दी कि यह एफआईआर दुर्भावना से ग्रसित और राजनीति से प्रेरित है.  चूंकि इससे किसी को कोई नफा नुकसान नहीं पहुंचाया गया, इसलिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं बनता है.


उन्होंने कहा कि इसके अलावा यदि कोई शिकायत हो भी तो वह जन्म तिथि दर्ज करने वाले अधिकारी द्वारा ही दर्ज कराई जा सकती थी.  आकाश सक्सेना का इस मामले को दायर करने का कोई अधिकार नहीं बनता है.