Kitchen Ingredients as Treatment: पीरियड्स से जुड़ी कई ऐसी छोटी-छोटी दिक्कतें होती हैं जिसको महिलाएं इग्नोर करती जाती हैं और इन दिक्कतों को झेलती भी रहती हैं. आमतौर पर हार्मोनल इम्बैलेंस या यूं कहें कि हार्मोन असंतुलन की वजह से पीरियड्स के दौरान परेशानी हो सकती है. सही मासिक चक्र के लिए जरूरी है कि यह करीब 28 दिन का हो. इसका मतलब ये है कि जिन महिलाओं या किशोरियों को पीरियड्स या महावारी 29वें दिन हो जाए मासिक चक्र एकदम सही है लेकिन महज 21 दिनों में ही या तय समय से पहले ही पीरियड्स आ जाए और 8 दिन भी ज्यादा समय तक रहे या फिर पीरियड्स के दिनों की कोई तय अवधि या नियमितता न हो तो यह एक चिंताजनक बात है. पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए कुछ घरेलू टिप्स को अपनाया जा सकता है. 


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किचन में हैं इलाज (Kitchen Ingredients as Treatment)


अनियमित माहवारी की परेशानी दूर करने के लिए सरल तरीका या घरेलू इलाज को अपनाया जा सकता है. ऐसे घरेलू नुस्खों का साइड इफेक्ट्स नहीं होता. पीरियड्स के दौरान होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए घरेलू उपाय बेस्ट हो सकती है लेकिन फिर भी अगर परेशानी अधिक हो या कोई कंफ्यूजन हो तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. 


दालचीनी के उपाय 
यह पीरियड्स की अनियमितता दूर करने के लिए दालचीनी रामबाण की तरह काम करते हैं. पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए या माहवारी के दौरान तेज दर्द होने पर दालचीनी का उपाय कर राहत पाया जा सकता है. इसके लिए आधा चम्मच पीसी दालचीनी ले और एक गिलास दूध में मिक्स कर लें और पी जाएं. पीरियड्स के दौरान सिर्फ गर्म दूध पीना भी अच्छी नींद और आराम दिला सकता है. पेट के दर्द में आराम आता है.


अदरक या सोंठ से जुड़ा उपाय


अदरक और सोंठ की तासीर गर्म होती है. अगर पीरियड्स को नियमित करना है तो एक बढ़िया सी कड़क अदरक वाली चाय बनाकर पीया जा सकता है. इससे दर्द में भी आराम होगा. 


चुकंदर


चुकंदर खाने से बॉडी में ब्लड सेल्स यानी रक्त कोशिकाएं क्रिएट होती हैं. चुकंदर में आयरन और फॉलिक एसिड भी पाया जाता है. ये दोनों ही चीजें मासिक धर्म की अनियमितता की परेशानी दूर करने में कारगर होते हैं. चुकंदर हार्मोन्स को संतुलित करने में कारगर होता है. इसे सलाद के रूप में खा सकते हैं या फिर जूस बनाकर पी सकते हैं. एक ऑप्शन रायता बनाकर सेवन करने का भी है. इससे सेहत संबंधी लाभ होता है. 


इमली का गुदा


इमली या खट्टे पदार्थ माहवारी के दौरान खाने से बचें. लेकिन दूसरी ओर अनियमित माहवारी वाली स्थिति में पकी इमली का गूदा चमत्कारी साबित हो सकता है. पकी लाल वाली इमली को घंटेभर के लिए पानी में भिगोएं और छान लें. इसमें चीनी, थोड़ा-सा नमक और जीरा पाउडर मिक्स करें. इसे पीने से फर्क पता चलेगा. 


कच्चा पपीता


कच्चा पपीता तनाव को दूर करता है और माहवारी की समस्याओं में फायदेमंद होता है. कच्चे पपीते में आयरन, कैरेटिन, कैल्शियम, विटामिन ए के साथ ही सी भी मौजूद होता है जिससे गर्भाशय की सिकुड़ी हुई मांसपेशियों तक फाइबर पहुंच पाता है. कच्चा पपीता नियमित रूप से नाश्ते में खा सकते हैं.


डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसके तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए ZEEUPUK उत्तरदायी नहीं है.​


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