Chanakya Niti: इन दिनों पति-पत्नी के बीच तलाक की घटनाएं आम हो गई है. रिश्तों के बनते-बिगड़ते देर नहीं लगती. ऐसे में आचार्य चाणक्य के कुछ सलाह आपके रिश्ते को बचाने में मददगार साबित हो सकता है. दरअसल, आजकल निजी जिंदगी में रिश्तों की जटिलताएं बढ़ गई हैं. ऐसे में आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति सही राह दिखाती है और आपके रिश्तों को मजबूत बनाने में मददगार साबित होती है. ऐसे बहुत से लोग हैं, जो आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाकर आज सुखी और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. जीवन में सफलता पाने के लिए भी वह आचार्य की नीतियों का अनुसरण करते हैं. आज हम जानेंगे कि आप सच्चे जीवनसाथी की पहचान कैसे कर सकते हैं?


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कब लें पत्नी की परीक्षा?
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर कुछ सलाह दिए हैं. आचार्य चाणक्य ने बताया है कि पत्नी की असल परीक्षा सिर्फ एक वक्त में होती है और आपको बार-बार टेस्ट करने की जरूरत नहीं. अगर आपके मन में संदेह है कि आपकी पत्नी कैसी है? उनका कैरेक्टर जानना है, तो इसके लिए एक वक्त बेस्ट है. पत्नी की असली परीक्षा तब होती है, जब पति पर दुर्भाग्य का साया हो. अगर आपके बुरे दिन चल रहे हो और आपकी पत्नी आपका साथ दे, तो आप खुद को सौभाग्यशाली समझें.


कब लें नौकर की परीक्षा?
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि नौकर की असल परीक्षा तब होती है जब उसे आप नौकरी से निकालते हैं. ऐसे ही कठिनाई के समय में रिश्तेदार की परीक्षा आप ले सकते हैं. वहीं, अपने दोस्तों की परीक्षा लेना भी आप ना भूलें. आप अपने दोस्तों की परीक्षा विपत्ति के समय ले सकते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा की कौन-सा रिश्ता सच्चा है और कौन-सा सिर्फ नाम मात्र का रिश्ता है. ठीक ऐसे ही अगर आपका बुरा वक्त चल रहा हो तो आप अपनी पत्नी की परीक्षा ले सकते हैं, लेकिन बार-बार ऐसा ना करें.


Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.


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