Railway Intresting Facts: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो पूरे भारत में 8,000 से अधिक स्टेशनों को जोड़ता है. रेलवे से रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं. आपने भी एक न एक बार इससे यात्रा जरूर की होगी. गौर किया हो तो देखा होगा कि स्टेशन पर पीले बैकग्राउंड पर स्टेशन का नाम लिखा होता है, लेकिन कई स्टेशन के नाम के आगे सेंट्रल, टर्मिनल, जंक्शन जैसी चीजें लिखी होती हैं. आखिर इसको क्यों लिखा जाता है और इसका क्या मतलब होता है. चलिए आइए जानते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या होता है सेंट्रल रेलवे स्टेशन?
किसी रेलवे स्टेशन के नाम के साथ सेंट्रल लगा है तो इसका मतलब है कि यह शहर का बिजी रेलवे स्टेशन है. यहां ट्रेनों का आना जाना ज्यादा होता है. साथ ही उसके साथ शहर में कई और रेलवे स्टेशन मौजूद हैं. सेंट्रल नाम इसलिए भी दिया जाता है कि यहां से अलग-अलग जोन को जोड़ने वाली ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं.


क्या होता है जंक्शन?
जंक्शन की बात करें तो इसका मतलब होता है जोड़ने वाला. जिस स्टेशन पर दो से ज्यादा रूट होते हैं, उसे जंक्शन कहा जाता है. आमतौर पर ये स्टेशन की तुलना में ज्यादा बड़े होते हैं. सबसे बड़े जंक्शन के तौर पर मथुरा की गिनती होती है. यहां से 7 रूट के लिए ट्रेनें निकलती हैं. 


क्या होते हैं टर्मिनल?
टर्मिनल को टर्मिनस भी कहा जाता है. टर्मिनल की बात करें तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन उस स्टेशन के आगे नहीं जा सकती है यानी वह ट्रेन का आखिरी स्टेशन है. जो ट्रेन यहां आती है, वह टर्मिनल से दोबारा प्रस्थान करती है.  


क्या होते हैं रेलवे स्टेशन?
रेलवे स्टेशन को चार कैटेगरी में बांटा गया है. आमतौर पर रेलवे स्टेशन के लिए कोई अलग से टर्म नहीं है, इसलिए टर्मिनल, जंक्शन या सेंट्रल के अलावा जो स्टेशन होते हैं उनको रेलवे स्टेशन में गिना जाता है. इनकी अलग से कोई पहचान नहीं होती है. 


यह भी पढ़ें - एक तार पर कैसे बिना रुके दौड़ती है ट्रेन, ऐसे होती है इलेक्ट्रिक इंजन में सप्लाई


यह भी पढ़ें -  UP की वो जगह जहां ट्रेन का टिकट लेकर भी यात्रा नहीं करते लोग, हैरान करने वाली है वजह