420 number Seat In parliament: संसद का शीतसत्र चल रहा है. लोकसभा की कार्यवाही देखी होगी तो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसद सीटों पर बैठे नजर आते हैं. सभी की सीटें तय होती हैं, जिसके आधार पर सांसद बैठते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि लोकसभा में एक नंबर ऐसा भी है, जिसकी सीट नहीं होती है.  नंबरों को लेकर लोगों का खास महत्व है. आपने देखा होगा कई लोग लकी नंबर में भरोसा करते हैं. कुछ नंबर ऐसे भी होते हैं, जिनको बिल्कुल पसंद नहीं किया जाता. लोकसभा में सीट का नंबर भी कुछ ऐसा ही है. चलिए आइए जानते हैं इसके बारे में.


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420 नंबर की नहीं होती सीट
संसद में 420 नंबर की सीट नहीं होती है. इस नंबर को अच्छा नहीं माना जाता है. वजह है कि पहले भारतीय दंड संहिता में 420 धारा उन लोगों पर लगाई जाती थी. जिन पर फ्रॉड, बेईमानी जैसे आरोप लगते थे. 420 नंबर को धोखा और बेईमानी से जोड़ा जाने लगा. इसलिए जब कोई फ्रॉड या बेईमानी करता तो उसको 420 बोला जाने लगा. लेकिन क्या 419 के बाद 420 नंबर को छोड़कर सांसदों को 421 नंबर की सीट एलॉट की जाती है. चलिए आइए जानते हैं इसके बारे में.


420 नंबर की सीट पर क्या लिखा होता?
419 के बाद 421 सीट के बीच गैप नहीं होता है. ऐसे में सवाल आता है कि 420 नंबर सीट की जगह क्या लिखा होता है. बता दें कि इस सीट पर 419A लिखा होता है. इस सीट की फोटो भी सामने आ चुकी है. बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने सोशल मीडिया पर एक फोटो भी शेयर की थी, जिसमें इस सीट पर 419A नंबर लिखा होता है.


सांसद ने समझा अपमान
14वीं लोकसभा में सांसदों को सीट नंबर अलॉट किए गए थे. जिसमें एक सांसद को 420 नंबर की सीट आवंटित की गई. सांसद ने इसे अपमान समझा और इसे निरस्त करने की मांग की. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने सदस्य की आपत्ति के बाद 420 नंबर सीट को खत्म करके उसकी जगह 419A सीट नंबर की कुर्सी बनवाई. 15वीं लोकसभा में सांसदों को सीट अलॉट की गईं तो इसे एआईयूडीएफ के सांसद बदरुद्दीन अजमल को आवंटित किया गया था.


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