Sahajahanpur News: 34 सालों की मेहनत के बाद बंजर जमीन को बना दिया हरा-भरा जंगल, जानिए ट्री मैन की अनोखी कहानी
UP Interesting Story: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक ऐसी अनोखी और रोचक खबर सामने आई है. जहां पिछले 34 सालों से ट्री मैन की मेहनत रंग ले आई है. जिन्होंने अपनी लगन से एक बंजर जमीन को हरे-भरे जंगल में बदल दिया है. पढ़िए पूरी खबर ...
Shahjahanpur News/शिव कुमार: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक ऐसी अनोखी और रोचक खबर सामने आई है. जहां पिछले 34 सालों से ट्री मैन की मेहनत रंग ले आई है. जिन्होंने अपनी लगन से एक बंजर जमीन को हरे-भरे जंगल में बदल दिया है. 71 साल के चंद्रपाल सिंह पिछले 34 सालों से हर रोज पांच पेड़ लगा रहे हैं. आलम यह है कि बंजर पड़ी जमीन पर भी उन्होंने जंगल खड़ा कर दिया है. वह अब तक 35,000 से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं. खास बात यह है कि उन्हें सुर्ख़ियों की जरूरत नहीं बल्कि उनका कहना है कि वह अपनी आखिरी सांस तक यूं ही पेड़ लगाते रहेंगे.
रेडियो पर सुनने के बाद किया निर्णय
दरअसल चंद्रपाल सिंह ने 1985 में रेडियो पर सुना था कि प्रदूषण के कारण ओजोन परत कमजोर पड़ रही है. इसके बाद उन्होंने यह फैसला किया कि वह अपना जीवन सिर्फ पेड़ लगाने के लिए ही समर्पित करेंगे. उसके बाद से वह लगातार हर रोज पांच पेड़ लगाते हैं. जिस दिन किसी वजह से अगर वह पेड़ ना लगा पाए तो वह खुद पर पेनल्टी लगाकर अगले दिन 8 या 10 पेड़ लगाते हैं.
छोटे बच्चों को देते हैं प्रशिक्षण
71 साल के चंद्रपाल सिंह का कहना है कि पेड़ लगाना उनके लिए एक नशा बन गया है. जिस दिन वह पेड़ ना लगा पाए उसे दिन उन्हें रात में नींद नहीं आती है. उम्र के आखिरी पड़ाव पर वह चाहते हैं कि उनके इस कारवां को उनके पोते और परिवार के अन्य सदस्य आगे ले जाए. इसके लिए वह घर पर रहकर परिवार के बच्चों को पेड़ लगाने का महत्व बताते हैं और पेड़ कैसे लगाए जाएं इसके लिए बाकायदा उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. उन्होंने अपने गांव के आसपास जहां भी खाली जगह मिली वहां पर पेड़ लगा दिए. इसलिए इलाके के लोगों ने ट्री मैन कहते हैं.
मधुबन नाम का बना दिया जंगल
उनका कहना है कि वह अपने निजी खर्चे से औषधिये, फलदार, शोभाकर और इमारती लकड़ी वाले पेड़ लगाते हैं. उन्होंने मधुबन नाम से एक पूरा जंगल खड़ा कर दिया. उनका मानना है कि सिर्फ पेड़ लगाना ही सब कुछ नहीं है बल्कि उनको संरक्षित करना और सुरक्षित रखना भी बेहद जरूरी है. इसलिए वह पेड़ लगाने के बाद अक्सर उन सभी पेड़ों की निगरानी करते हैं जो उन्होंने लगाए थे. सुबह शाम वह अपने घर से निकल जाते हैं और उन पेड़ों का हाल-चाल लेते हैं.
तहसीलदार ने भी पट्टे पर जमीन दी
उनकी पेड़ लगाने की इसी लगन को देखकर कुछ साल पहले तहसीलदार ने उन्हें ढाई एकड़ जमीन का पट्टा भी कर दिया. जिस पर उन्होंने जंगल खड़ा कर दिया है. चंद्रपाल सिंह का मानना है कि जिस तरीके से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसे में सिर्फ पेड़ ही एक जरिया है जो कार्बन को को सोखने का काम करेगा. उनका यह भी मानना है कि वह रहे या ना रहे लेकिन यह पेड़ आने वाली नस्ल के लिए वरदान जरूर साबित होंगे.
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