Indian Railways Fact: यात्रा के लिए ज्यादातर लोग ट्रेन को बेहतर विकल्प मानते हैं. सस्ता और अच्छा माध्यम होने के चलते इसे आम आदमी की सवारी भी कहा जाता है. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, इससे रोजाना करोड़ों यात्री सफर करते हैं. ट्रेन से आपने सफर किया हो तो देखा होगा ट्रेन दो तरह की होती है, पहला यात्रियों वाली और दूसरा मालगाड़ी, जिससे सामान की ढुलाई की जाती है. एक चीज पर जरूर गौर किया होगा कि मालगाड़ी में कोच की संख्या ज्यादा होती है जबकि यात्री गाड़ी में इनकी संख्या इनके मुकाबले कम होती है. ऐसा क्यों होता और और कोच की संख्या कैसे निर्धारित होती है. आइए जानते हैं. 


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यात्री ट्रेन में अधिकतम डिब्बे? 
यात्री ट्रेन में कितने डिब्बे होंगे, इस संख्या को लूप लाइन की लंबाई के मुताबिक तय किया जाता है. लूप लाइन की अधिकतम लंबाई 650 मीटर होती है. इसलिए यात्री ट्रेन की लंबाई ऐसे तय की जाती है कि यह लूप लाइन से ज्यादा न हो जाए. ऐसा होने पर प्लेटफॉर्म पर चढ़ने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसीलिये पैसेंजर ट्रेन में ज्यादा से ज्यादा 24 कोच लगाए जा सकते हैं. पैसेंजर कोच की अधिकतम लंबाई 25 मीटर होती है. 


मालगाड़ी में कितने डिब्बे?
रेलवे स्टेशन या फाटक पर खड़े होकर इंतजार करते समय आपने भी देखा होगा कि मालगाड़ी में करीब 50 डिब्बे लगे होते हैं. जबकि यात्री ट्रेन में इनकी संख्या कम होती है. लेकिन जान लीजिए कि यात्री ट्रेन के मुकाबले मालगाड़ी के डिब्बे छोटे होते हैं. इनको वैगन कहा जाता है. इनकी लंबाई करीब 11 से 15 मीटर होती है. इससे ज्यादा इनकी लंबाई नहीं बढ़ाई जाती है. ये डिब्बे लूप लाइन की लंबाई 650 मीटर से ज्यादा नहीं हो सकते. इसीलिए इनमें ज्यादा से ज्यादा 58 डिब्बे लगाए जा सकते हैं.


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