अयोध्या: श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव रामलला के दरबार में भी मनाया जाएगा. अयोध्या में इस उत्सव की दिव्य और भव्य तैयारी चल रही है. आज रात में 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव विधि-विधान से आयोजित होगा. हालांकि कोरोना महामारी की वजह से इस उत्सव में श्रद्धालुओं को शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा. सिर्फ पुजारी ही इसमें सम्मिलित होंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हरे रंग में सजेंगे रामलला 
कृष्ण जन्मोत्सव पर रामलला हरे रंग का वस्त्र ग्रहण करेंगे. यह वस्त्र रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्कि राम ने भेंट किया है. रात को रामलला को पंचामृत से स्नान कराया जायेगा. तीन तरह की पंजीरी का भोग लगाया जायेगा. इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र भी मौजूद रहेंगे.


सिर्फ ट्रस्ट के लोग ही होंगे उत्सव में शामिल
रामलला के अस्थाई भवन को सजाया गया है. रोहणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास श्री कृष्ण का जन्मोत्सव पंचामृत से स्नान कराएंगे. भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को तीन तरह की पंजीरी, फल और मेवे का भोग लगाया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए आयोजन में सिर्फ ट्रस्ट के लोग शामिल होंगे. 


राम और कृष्ण हैं भगवान विष्णु के अवतार 
भगवान राम और कृष्ण के बीच समानता ये है कि दोनों ही विष्णु के अवतार हैं, जो अलग-अलग युग में हुए. त्रेतायुग में राक्षसराज रावण का बहुत आतंक था. उसके वध के लिए भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या के गर्भ से पुत्र रूप में जन्म लिया. भगवान राम के इस अवतार में भगवान विष्णु ने अनेक राक्षसों का वध किया और मर्यादा का पालन करते हुए अपना जीवन यापन किया. 
वहीं द्वापरयुग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार लेकर अधर्मियों का नाश किया. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था. इनके पिता का नाम वसुदेव और माता का नाम देवकी था. भगवान श्रीकृष्ण ने इस अवतार में अनेक चमत्कार किए और दुष्टों का सर्वनाश किया.


WATCH LIVE TV