जितेंद्र सोनी/Jhansi: झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात साढ़े दस बजे एक दर्दनाक हादसा हो गया. एनआईसीसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलसकर मौत हो गई. आग भड़कने के वक्त वार्ड में 50 के करीब बच्चे थे, बाकी बच्चों को निकाल लिया गया, लेकिन उनमें से कई की हालत गंभीर बताई जाती है. आग का कारण ऑक्सीजन कांस्ट्रेटर में शार्ट सर्किट से आग लगना बताया जा रहा है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. यह भी कहा जा रहा है कि आग लगने के बाद फायर सेफ्टी अलार्म भी समय पर नहीं बज पाया. 


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झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में त्रिस्तरीय जांच का आदेश दिया है. स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और मजिस्ट्रेट अलग-अलग जांच करेंगे. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जांच के निर्देश दिए हैं.  दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी. शुक्रवार रात 10:30 बजे मेडिकल कॉलेज के SNCU स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट में आग लगी थी.हादसे में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हुई और 39 को रेस्क्यू किया गया. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के बाद ब्लास्ट होने से आग भड़की.

सुबह 5 बजे डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक भी झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे.हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.  डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. सरकार मृतक बच्चों के परिवार के साथ खड़ी है.  हर संभव मदद की जाएगी.


सीएम योगी ने लिया हादसे का संज्ञान
उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है. बताया जा रहा है कि वार्ड में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे. 37 बच्चों का रेस्क्यू किया गया है. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है. कमिश्नर डीआईजी हादसे की जांच करेंगे.



आग की चपेट में नवजात बच्चों का वार्ड
मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था. कुछ ही मिनटों के बाद वार्ड में जो कुछ हुआ उसने सभी के रौंगटे खड़े कर दिये.  नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था.  आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं. कुछ ही देर के बाद आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया. इस भयावह हादसे के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि हालात नियंत्रण में रहें. घटना की जानकारी होते ही मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन 'आदित्य', गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत समेत कई जनप्रतिनिधि भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे.


प्रशासनिक महकमा अलर्ट  
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. सेना का दमकल वाहन भी सहायता के लिए बुलाया गया है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मेडिकल कॉलेज की बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी गई. प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. जिलाधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. आशंका है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट, गैस सिलेंडर हो सकता है. लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है. हादसे ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 


मशीनें जली 
वार्ड में नवजात बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक मशीन को लगाया गया था.  अधिकतर मशीन आग की भेंट चढ़ गई.


डीएम अविनाश कुमार ने बताया, ‘मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में जो स्टाफ वहां मौके पर मौजूद था, उसकी ओर से जो प्रथम दृष्टतया तथ्य आए हैं, उसमें बताया गया कि एनआईसीयू की अंदर की यूनिट में संभवत: शॉर्ट सर्किट की वजह से रात साढ़े 10 बजे के आसपास आग लगी. प्रथम दृष्टतया अभी 10 बच्चों की मौत की सूचना प्राप्त हो रही है. इस हादसे की जांच के लिए डीजीपी और कमिश्नर के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई गई जो 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी.


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