लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रह चुके कल्याण सिंह जैसे ही सक्रिय राजनीति में लौटे, उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं.अयोध्या स्थित विवादित ढांचा विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को बतौर आरोपी तलब करके मुकदमा चलाए जाने की अर्जी पर लखनऊ की विशेष CBI कोर्ट में  आज सुनवाई होगी. CBI आज कोर्ट में यह साक्ष्य पेश करेगी कि कल्याण सिंह वर्तमान में किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.


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पिछले दिनों कल्याण सिंह सक्रिय राजनीति में वापस लौटे. उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले वे राजस्थान के राज्यपाल थे. अब उनकी जगह कलराज मिश्र को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में CBI ने बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती ,साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास जैसे लोगों को आरोपी बनाया है. हालांकि, ये सभी नेता फिलहाल जमानत पर हैं.



बता दें, सीबीआई कोर्ट ने पहले कहा था कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को उनके कार्यकाल के दौरान आपराधिक तथा दीवानी मामलों से छूट प्रदान की गई है. इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती.