कानपुर: विकास दुबे के गांव बिकरू में 2 जुलाई को हुए आठ पुलिसकर्मियों के हत्याकांड को लेकर पुलिस सबूत जुटाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. अब इस मामले में उन वायरल ऑडियो क्लिप्स को भी आधार बनाया जाएगा, जो सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. पुलिस इसके लिए हत्याकांड से जुड़ी करीब एक दर्जन कॉल रिकॉर्डिंग्स को लखनऊ में फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजेगी. मुमकिन है कि 10 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट भी मिल जाएगी और आवाजों की पुष्टि हो जाएगी. 


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विकास की मारे जाने के बाद वायरल होने लगीं कॉल रिकॉर्डिंग्स
10 जुलाई को विकास दुबे का एनकाउंटर होने के बाद से ही हत्याकांड से जुड़ी ऑडियो क्लिप्स के वायरल होने का सिलसिला चल पड़ा. सबसे पहले इस कांड के आरोपी शशिकांत की पत्नी मनु पाण्डेय की ऑडियो क्लिप्स सामने आईं. उसके ठीक बाद विकास दुबे के नाम से कथित ऑडियो क्लिप्स सुनने को मिलीं. इसके बाद  पूर्व एसओ विनय तिवारी, शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा और हाल ही में विकास दुबे के खिलाफ आखिरी केस के वादी राहुल की ऑडियो क्लिप वायरल हुईं. 


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आवाजों की पुष्टि हुई तो बन जाएंगे सबूत 
लगभग दर्जन भर कॉल रिकॉर्डिंग्स को पुलिस ने फोरेंसिक लैब में भेजा है. आवाजों के सैंपल्स की जांच करने के बाद अगर ये आवाजें किसकी हैं, ये पुष्टि हो जाती है तो कॉल रिकॉर्डिंग्स को सबूतों में शामिल किया जाएगा. इससे जुड़ी रिपोर्ट दस दिन में एसआईटी और वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी.
FSL लैब के पास ऐसे अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर हैं जिससे कॉल में जो आवाज इस्तेमाल की गई है, उसकी मैचिंग कराई कराई जा सकती है.


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