शहीद CO और तब के SSP की बातचीत का AUDIO VIRAL, कप्तान ने पूछा था SO डरपोक है क्या?
इस वायरल ऑडियो में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा एसएसपी से विकास दुबे के साथ विनय तिवारी के मधुर संबंधों को लेकर भी जिक्र कर रहे हैं.
कानपुर: कानपुर के चौबेपुर थाना अंतर्गत आने वाले बिकरू गांव में 2 और 3 जुलाई की दरमियानी रात हुए गोलीबारी कांड से जुड़े ऑडियो के वायरल होने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को बिकरू कांड से जुड़ा एक और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें गैंगस्टर विकास दुबे के यहां दबिश देने से ठीक पहले मुठभेड़ में शहीद हुए बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा और कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी बातचीत कर रहे हैं.
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा विकास दुबे के यहां दबिश देने से पहले चौबेपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी को लेकर एसएसपी दिनेश कुमार पी से मिलने का समय मांग रहे हैं. इस वायरल ऑडियो में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा तबके एसएसपी से विकास दुबे के साथ विनय तिवारी के मधुर संबंधों को लेकर भी जिक्र कर रहे हैं. नीचे पढ़ें शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा और तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी के बीच विनय तिवारी को लेकर हुई बातचीत के अंश...
देवेंद्र मिश्रा: हेल्लो सर, एसओ कह रहा था कि बगैर आपके साहब मैं नहीं जाऊंगा. मैंने कहा मैं चल रहा हूं.
दिनेश कुमार: कौन हो गया?
देवेंद्र मिश्रा: सर चौबेपुर एसओ.
दिनेश कुमार: नहीं क्यों, विकास दुबे की दबिश में क्यों नहीं जाएगा?
देवेंद्र मिश्रा: सर कह रहा मेरा रहना जरूरी है, ठीक है जब मेरा रहना जरूरी है तो मैं चल रहा हूं. मैं आ गया हूं थाने. अभी ये सब फोर्स तैयार कर रहे हैं. मैं जा रहा हूं साहब, अब थोड़ा...अपराधी तो अपराधी होता है, जो कोई हो.
दिनेश कुमार: डरपोक है क्या एसओ?
देवेंद्र मिश्रा: मतलब साहब दो मिनट का आप मुझे टाइम दे दीजिएगा तब इनकी पूरी बात बताउंगा, ये पैर छूते हैं उसका. दिक्कत तो ये है.
दिनेश कुमार: ये बात गोपनीय रिपोर्ट में मेरे को भेज दीजिएगा.
देवेंद्र मिश्रा: इनकी बहुत कुछ बात है सर, आप मुझे दो मिनट का टाइम दे दीजिएगा साहब. मैं इनके बारे में पूरा बताउंगा सर.
दिनेश कुमार: ठीक है...ठीक है...ठीक है.
देवेंद्र मिश्रा: वो भी लिखित डॉक्यूमेंट के साथ बताउंगा.
दिनेश कुमार: ठीक है बता दीजिएगा.
बिकरू में 2-3 जुलाई की दरमियानी रात क्या हुआ था?
आपको बात दें कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की दरमियानी रात पुलिस टीम गैंगस्टर विकास दुबे पर दबिश के लिए गई थी. विकास दुबे को पुलिस की इस कार्रवाई के बारे में उसके मुखबिर ने पहले ही सूचित कर दिया था. विकास दुबे अपने गुर्गों को इकट्ठा कर पुलिस टीम पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका था. उसने अपने घर तक पहुंचने वाले रास्ते को जेसीबी लगाकर ब्लॉक करवा दिया था. घर की छत पर अपने गुर्गों को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात कर रखा था. बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे थे.
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गैंगस्टर विकास दुबे UP STF के साथ मुठभेड़ में ढेर हुआ
पुलिस टीम जैसे ही विकास दुबे के घर के करीब पहुंची, गैंगस्टर और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी. पुलिस वालों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. इस घटना में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और 6 अन्य घायल हो गए. विकास दुबे और उसके गुर्गों ने घटना को अंजाम देने के बाद पुलिसकर्मियों के हथियार लूटे, सीओ के शव के साथ बर्बरता की और फरार हो गए. इस दौरान पुलिस ने विकास के कई साथियों का एनकाउंटर किया, जो इस घटना में शामिल थे. विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया. 10 जुलाई की सुबह यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में विकास दुबे भी ढेर हो गया.
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