कानपुर: बिठूर में हुए पुलिसकर्मियों के हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस में इस बात की जांच पड़ताल तेज हो गई है कि महकमे के ही किसी शख्स ने मुखबिरी तो नहीं की.  इसी सिलसिले में आईजी मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक चौबेपुर के थाना प्रभारी की भूमिका इस हत्याकांड के दौरान संदिग्ध बताई जा रही है. 


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IG ने कहा संदिग्ध भूमिका मिलने पर भेजा जाएगा जेल 
आईजी मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर के थाना प्रभारी को निलंबित करने के बाद साफ तौर पर कहा है कि अगर उनकी भूमिका जांच के दौरान संदिग्ध पाई गई तो उन पर केस भी होगा और उन्हें जेल भी भेजा जाएगा. फिलहाल उन्हें निलंबित किया गया है, लेकिन मुखबिरी की खबर सच हुई तो उनकी सेवाएं भी समाप्त की जा सकती है. 


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चौबेपुर के SO से STF ने की थी देर तक पूछताछ 
यूपी STF ने चौबेपुर SO विनय तिवारी को इस मामले में खूब ग्रिल किया. सूत्रों की मानें तो हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर FIR दर्ज करने के मामले में SO विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. चौबेपुर थानेदार विनय तिवारी पर विकास दुबे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में मुखबिरी का शक है. सूत्रों के मुताबिक जब पुलिस टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो थानेदार विनय तिवारी दबिश में सबसे पीछे चल रहा थे. CO देवेंद्र मिश्रा और थानेदार विनय तिवारी में पटरी नहीं थी. इसके चलते थानेदार पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से सीओ देवेंद्र मिश्रा की मुखबिरी का शक है.


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