प्रेमेंद्र कुमार/Firozabad News : यूपी का फिरोजाबाद जिला यूं तो कांच की चूड़ियों के लिए देश विदेश में जाना जाता है, लेकिन अब जिले को नई पहचान मिलने वाली है. दरअसल, भारतीय स्पेस एजेंसी (इसरो) की ओर से गगनयान मिशन की तैयारी की जा रही है. फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित आयुध फैक्‍ट्री द्वारा हाई टेक्नोलॉजी वाले पैराशूट तैयार किए जा रहे हैं, जो गगनयान मिशन को पूरा करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर सॉफ्ट लैंडिंग कराएंगे. हाई क्वालिटी की लॉयलोन से तैयार ये पैराशूट एकदम सुरक्षित हैं. इनसे पृथ्वी पर लैंडिंग करने में न केवल मदद मिलेगी, बल्कि कोई जनहानि भी नहीं होगी. फिरोजाबाद में तैयार हो रहे इन पैराशूटों को जल्द ही इसरो को सौप दिया जाएगा. 


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गगनयान मिशन में होगा इस्‍तेमाल 
फिरोजाबाद के हजरतपुर में 135 हेक्टेयर में फैले आयुध उपकरण निर्माणी में गगनयान मिशन के लिए हाई टेक्नोलॉजी के साथ पैराशूट बनाए जा रहे हैं. अभी तक भारत में इस तरह के पैराशूट का किसी भी मिशन में इस्तेमाल नहीं किया गया है. गगनयान के जरिए अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस में जाएंगे और उनकी रीएंट्री के लिए इन पैराशूट को तैयार किया जा रहा है. पृथ्वी के वायुमंडल में आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग फिरोजाबाद में बनने वाले इन पैराशूट के जरिए की जाएगी. 


तीन एजेंसियां चेक करेंगी क्‍वालिटी 
अभी तक तैयार होने वाले सभी पैराशूटस में सबसे उच्च कोटि के यह पैराशूटस तैयार किए जा रहे हैं. पैराशूट के बनने के बाद उनकी क्वालिटी को तीन एजेंसियां चेक करेगी. इनमें सबसे पहले कंपनी की इंटर्नल टीम चेक करेगी, उसके बाद डीआरडीओ की शाखा एआरडीओ आगरा द्वारा चेक किया जाएगा. फिर अंतिम में इसरो टीम द्वारा इन पैराशूटस को चेक किया जाएगा. 


तीन महीने में इसरो को सौंपे जाएंगे पैराशूट 
जीएम अमित सिंह ने बताया कि यह सभी पैराशूट अगले 3 महीने में बनाकर इसरो को दे दिए जाएंगे. अंतरिक्ष से जो कैप्सूल नीचे आता है वह हाई स्पीड से आता है. इसके वायुमंडल के घर्षण के कारण उसमें हीट जनरेट होती है. इसके लिए इन पैराशूटस में हीट रेजिस्टेंट नायलॉन 66 फेब्रिक का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा इन पैराशूटस में स्पेशल टेप्स भी प्रयोग किए गए हैं. इनके कारण हम अंतरिक्ष यात्रियों को पूरी तरह सुरक्षित धरती पर उतार पाएंगे. 


अमेरिका, रूस और चीन के बाद अब भारत के पास टेक्‍नोलॉजी 
उन्‍होंने कहा कि अभी तक यह टेक्नोलॉजी केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास थी, लेकिन अब भारत भी उनकी बराबरी कर सकेगा. फिरोजाबाद में इस तरह के पैराशूट बनाए जा रहे हैं जो भारत में कहीं पर भी नहीं बन रहे हैं. फिरोजाबाद से लगभग 100 पैराशूट तैयार कर इसरो को सौंपे जाएंगे. 


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