कानपुर देहात: कानपुर देहात जिला न्यायालय में एक बड़ा फैसला सुनाया गया. दरअसल, सपा नेता सुरेश यादव के साथ ही सपा नेत्री सीमा यादव, इन दोनों को ही एक युवक के अपहरण मामले में 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है. 50 50 हजार जुर्माना भी दोनों पर लगाया गया है. 21 साल तक न्याय के लिए दर-दर भटकी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को आखिरकरा न्याय मिला है. 


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6 वर्षों तक चला कानूनी दांव पेंच
साल 2003 में सपा नेता सुरेश यादव ने सीमा यादव के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. यूपी में सरकार बदलने पर 15 वर्षों के बाद वर्ष 2018 में मामला दर्ज हुआ था. 6 वर्षों तक चले कानूनी दांव पेंच के बाद आज यह फैसला आया है. सपा नेता पर करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. 80 वर्षीय बुजुर्ग पीड़िता ने यूपी सरकार कि की प्रशंसा की है. बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला डेरापुर थाना क्षेत्र का है. 


21 साल पुराना मामला 
मामला करीब 21 साल पुराना है जब अपने ढाबे में ही रहने वाले एक युवक की पत्नी के साथ अवैध संबंध के चलते युवक का अपहरण करने का मामला सामने आया. युवक को गायब करने के बाद महिला से शादी किए जाने के बाद अपहरण का मामला दर्ज किया गया. मामले में चली सुनवाई के बाद एडीजे-5 की कोर्ट ने शनिवार को आरोपित गैंगस्टर सुरेश यादव व उसकी पत्नी सीमा यादव को दोष करार दे दिया. मामले में सजा पर सुनवाई के लिये कोर्ट ने आज यानी 6 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी और इस तरह तय की है. युवक के अपहरण मामले में सपा नेता सुरेश यादव को 10 साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना लगा है, सपा नेत्री सीमा यादव को भी यही सजा दी गई है. हालांकि, इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि एक न्याय को पाने के लिए 21 साल का वक्त लग गया.


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