Gold smuggling case / कानपुर: इत्र कारोबारी पीयूष जैन को आखिरकार कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया. दरअसल, 23 किलो विदेशी गोल्ड की बरामदगी पीयूष जैन के घर से की गई थी और कस्टम एक्ट के अतर्गत उस पर केस भी दर्ज किया गया था. लेकिन अब इत्र कारोबारी ने कानूनी दांव पेच से खुद को बचाने के लिए विदेशी गोल्ड पर से अपना दावा ही छोड़ दिया. स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को सोना तस्करी केस में पीयूष जैन को बरी कर दिया. पीयूष जैन के द्वारा 56.86 लाख रुपये का समन शुल्क जमा करवाया गया है. इतना ही नहीं डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेन्स की ओर से भी कोर्ट में जवाब दाखिल करवाया गया है.


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इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain case) का 23 किलो सोना जब्त किया गया है. स्पेशल सीजेएम स्नेहा की कोर्ट ने मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क कार्यालय पटना के आदेश पर पीयूष जैन को बरी कर दिया. जब्त सोने पर दावे की दाखिल अपील को भी कारोबारी ने वापस ले लिया.


196 करोड़ रुपये की बरामदगी
ध्यान दें कि डीआरआई लखनऊ की टीम ने साल 2021 के 27 दिसंबर को करीब 11 करोड़ रुपये मूल्य का 23 किलो सोना पीयूष जैन के पास से जब्त कर लिया था. पीयूष जैन कन्नौज का इत्र कारोबारी है. टीम ने कानपुर में भी छापेमारी की कार्रवाई की थी. डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम के द्वारा छापेमारी कार्रवाई में 196 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई. सोना बरामदगी केस में 135 कस्टम एक्ट का मामला पीयूष के खिलाफ दर्ज किया गया. इतना ही नहीं कारोबारी के पास से विदेशी मार्का सोना बरामद हुआ जिस पर एडीशनल कमिश्नर कस्टम लखनऊ की ओर से पीयूष जैन का 23 किलो सोना पहले तो जब्त कर दिया और फिर नौ अप्रैल 2023 को 60 लाख रुपये की पेनाल्टी भी लगाई जिसे जैन ने जमा करवा दिया था. कुछ दिन बाद ही जैन ने कमिश्नर कस्टम लखनऊ के सामने अपील दाखिल की और सोने पर किया अपना दावा रिलीज करने की गुहार कर डाली जिसे लेकर सुनवाई की जा रही थी.


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