कानपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर 25 जून की शाम कानपुर पहुंच रहे हैं. वह 27 जून को कानपुर देहात स्थित अपने जन्मस्थान परौंख गांव भी जाएंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब वह अपने गांव आ रहे हैं. उनके दौरे का कार्यक्रम जैसे ही जारी हुआ, परौंख गांव और यहां तक आने वाली सड़क की सूरत बदल गई.


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दस दिन के अंदर राष्ट्रपति के गांव की सूरत बदली
दस दिन के अंदर परौंख गांव में चौतरफा इंटरलॉकिंग और खड़ंजा निर्माण, नालों की सफाई के का कार्य शुरू हो गया. अफसरों ने गांव में ही डेरा डाला हुआ है और 24 घंटे विकास कार्य चल रहे हैं. परौंख के पथराई देवी मंदिर में टाइल्स और पत्थर लगाकर इसे चमकाया जा रहा है. यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की कुल देवी का मंदिर है.



नाले, सड़कें, मंदिर और तालाब सब सज-संवर रहे
मंदिर के सामने खाली जगह पर इंटरलॉकिंग काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. वहीं, आंबेडकर पार्क को सजाने-संवारने, गांव की मुख्य सड़क की इंटरलॉकिंग का काम 24 घंटे दो शिफ्टों में हो रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के परौंख आने से पहले ये सभी कार्य हर हाल में पूरे होने हैं. गांव को चमकाने के लिए दिन में सुबह और शाम झाड़ू लगवाई जा रही है. नालियों की सिल्ट निकालकर उन्हें चमकाने का काम चल रहा है.



स्ट्रीट लाइटें लग रहीं, झींझक स्टेशन की सूरत बदली
परौंख गांव में पहली बार स्ट्रीट लाइटें लग रही हैं. बिजली विभाग नए खंभे गाड़कर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम तेजी से कर रहा है. गांव में स्थित दो तालाबों की भी सफाई कराई जा रही है. सालों से खंडहर पड़े झींझक स्टेशन की सूरत भी बदली जा रही है. झींझक स्टेशन पर ही राष्ट्रपति अपने परिवार के लोगों और क्षेत्रीय लोगों से 30-30 मिनट रुककर मुलाकात करेंगे.



राष्ट्रपति आने को हुए तो गांव में सीएचसी बनने लगा
इसके चलते स्टेशन की मरम्मत के साथ ही रंगाई-पुताई, पंखे, ट्यूबलाइट समेत एक-एक चीज को सुधार दिया गया है. पटरियों को भी रंगा जा रहा है. परौंख गांव में जनवरी 2021 में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनाने का प्रस्ताव पास हो गया था, लेकिन इसका काम शुरू नहीं हो सका था. अब राष्ट्रपति के आगमन से पहले सीएचसी निर्माण का काम तेजी से हो रहा है.


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