UP Bypoll 2024: यूपी की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें कानपुर की सीसामऊ भी शामिल है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भले न हुआ हो लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी और सपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस और बसपा भी मजबूत दावेदारों की तलाश में जुट गई हैं. सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा होने की वजह से खाली हुई है. बीजेपी को 28 साल से यहां जीत का इंतजार है. 


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बीजेपी से कई दावेदार मैदान में 
टिकट को लेकर 75 से अधिक दावेदार सामने आए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा इस बार ब्राह्मण चेहरे को टिकट थमा सकती है. मजबूत दलित चेहरा भी खोजा जा रहा है, हालांकि उपचुनाव में भाजपा में 75 से अधिक दावेदारी दावा ठोक रहे हैं. इसमें पार्टी के साथ ही गैर-राजनीतिक लोग भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं.भाजपा ने किसी भी प्रकार की अंतरकलह से निपटने के लिए  योगी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना  को प्रभारी बनाया गया है. वह यहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और मजबूत दावेदारों की तलाश करेंगे. सुरेश खन्ना के सामने सबसे बड़ी चुनौती अंतर कलह से निपटना और सभी को साथ लेकर चलना भी बड़ी चुनौती होगी. इसके अलावा संजय निषाद को भी जिम्मेदारी मिली है. 


सपा सोलंकी के परिवार पर लगा सकती है दांव
समाजवादी पार्टी सीसामऊ विधानसभा सीट से इरफान सोलंकी की पत्नी या परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतार सकती है. सोलंकी परिवार का इस सीट पर दबदबा माना जाता है. 2017 के बाद 2022 विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी ने यहां से जीत दर्ज की थी. सपा से गठबंधन के चलते माना जा रहा है कांग्रेस उसका सहयोग कर सकती है, लेकिन बसपा के उपचुनाव लड़ने के ऐलान के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा. 


निर्णायक भूमिका में मुस्लिम वोटर
सीसामऊ सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. इनकी संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बाद ब्राह्मण वोटर दूसरे नंबर पर आते हैं. यहां करीब कुल मतदाता करीब 2 लाख 80 हजार हैं. इसमें मुस्लिम मतदाता लगभग 80 हजार, ब्राह्मण लगभग 55 हजार, दलित 35 हजार,कायस्थ 20 हजार, वैश्य 15 हजार, यादव 16 हजार, सिंधी पंजाबी 2000 है. इसके अतिरिक्त वोटरों की संख्या लगभग 35 हजार है. 


1996 में आखिरी बार जीती बीजेपी
बीते 2 विधानसभा चुनाव 2022 और 2017 में यहां से सपा के इरफान सोलंकी जीते थे. 2012 के पूर्व यह सीट आरक्षित थी. नए परिसीमन के बाद सीसामऊ को सामान्य सीट कर दिया गया. 2017 तक हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे अधिक 5 बार जीत हासिल की है जबकि भाजपा 3 बार जीती है. समाजवादी पार्टी ने दो बार इस सीट पर जीत हासिल की है. 1996 में बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की थी. उसके बाद से उसे जीत का इंतजार है. 


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