UP News, उन्नाव: सामान्य रूप से यही होता है कि सरकारी कर्मचारी हो या कोई प्राइवेट करमी क्यों न हो, कई कई बार तय  समय से अधिक काम करना पड़ जाता है लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं समय होते ही काम पूरा किए बिना काम लौट जाएं. काम को या तो पूरा कर लिया जाए या किसी को सौंप दिया जाए. लेकिन रेलवे विभाग में एक ऐसी परेशान करने वाली घटना हुई जिसे सुनकर हैरान हो रहा है. दरअसल मामला इस तरह है कि अपनी ड्यूटी खत्म होते ही ट्रेन चालक और गार्ड दोनों ने ट्रेन रोकी और अपने अपने घर चले गए. 


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मेन ट्रैक ट्रेन के होने की नहीं दी गई थी जानकारी 
यूपी के उन्नाव जिले में स्थित गंगाघाट रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी ट्रेन को खड़ा किया और ट्रेन चालक व गार्ड घर चले गए. कानपुर से रायबरेली रूट वाले इस इस स्टेशन की मेन लाइन पर ट्रेन खड़ी की गई थी. अमर उजाला अखबार की एक रिपोर्ट पर गौर करें तो रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम एसएस शर्मा ने मामले को लेकर कहा कि ड्यूटी पूरी होने पर मेमो देकर मालगाड़ी को चालक व गार्ड खड़ी कर सकता है. मालगाड़ी गंगाघाट में मेन ट्रैक पर खड़ी रही जिसके बारे में जानकारी नहीं मिली है. मामले की जांच की जा रही है.


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15 ट्रेंन लूप लाइन से निकालीं
मेन लाइन पर ही मालगाड़ी खड़ी की गई थी और लूप लाइन से करीब सात घंटे में 15 ट्रेंन लूप लाइन से निकाली गईं. शताब्दी, चित्रकूट, जम्मूतवी से लेकर झांसी इंटरसिटी मेमू समेत 15 ट्रेनों को इसी तरह निकाला गया. इस घटना से अन्य ट्रेनों का समय भी बर्बाद हुआ. दोपहर दो बजे अगली शिफ्ट के ड्राइवर के आने पर मालगाड़ी को रवाना कर दिया गया और शिफ्ट खत्म होने पर मालगाड़ी के पहिए पर बट लगाकर ड्राइवर ने रोक दिया. इसके बाद स्टेशन अधीक्षक को उन्होंने अपना मेमो दिया और तब गए.