कासगंज: कासगंज में शराब माफिया के हमले से एक सिपाही की जान चली गई. जबकि एक सब इंस्पेक्टर अभी भी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. उनका अलीगढ़ में इलाज चल रहा है. इस घटना को अंजाम देने वाले शराब माफिया और मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार सिंह को पुलिस ने मार गिराया है. जबकि वह अभी भी फरार है, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. इस बीच शहीद सिपाही का पोस्टमॉर्टम हो रहा है. इस दौरान उनके परिजन और पुलिसकर्मी पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर मौजूद हैं. उनकी आंखें नम हैं. शहीद पुलिस जवान के पिता डीएम से लिपटकर खूब रोए. कासगंज डीएम चंद्र प्रकाश सिंह उन्हें ढांढस देते रहे. कुछ देर बाद शहीद को पुलिस लाइन में सलामी दी जाएगी, उसके बाद अंतिम संस्कार होगा.


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बुझ गया घर का चिराग
शहीद सिपाही देवेंद्र सिंह के परिजनों से मिलकर पुलिस अधिकारियों ने सांत्वना दी. सिपाही देवेंद्र सिंह 2015 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे. 2017 में उनकी शादी हुई थी. वह मूलरूप से आगरा के नगला विंदू वरोली गुजर गांव थाना डोकी के निवासी थे. शहीद सिपाही के पिता महावीर सिंह ने बताया कि एक दिन पहले बेटे से बात हुई थी. उसने परिवार का हालचाल पूछा था और खेती के बारे में भी जानकारी ली थी. पिता ने बताया कि वह परिवार में एकलौता था. 


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बेटियां पूछ रहीं कब आएंगे पापा?
पति की मौत की खबर से पत्नी को गहरा धक्का लगा है. वह बेसुध हालत में है. देवेंद्र की दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी वैष्णवी तीन साल की जबकि छोटी बेटी महज चार महीने की है. मां को रोता देख बेटी वैष्णवी बार-बार यही पूछ रही है कि पापा कब आएंगे. 


चार महीने बाद बहन की शादी
शहीद देवेंद्र की एक छोटी बहन है जिसकी शादी मई में होनी है. बहन की शादी देवेंद्र ने अपने दोस्त और सिपाही के साथ तय की थी. वह देवेंद्र का दोस्त है. उसने ही देवेंद्र के साथ हुई घटना की जानकारी गांव में फोन पर दी थी. जैसे ही देवेंद्र के परिजनों को घटना की जानकारी मिली घर में कोहराम मच गया. 


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सीएम योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात में शामिल सभी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि गुनाहगारों पर  NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं, शहीद पुलिसकर्मी के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता और आश्रित को सरकारी नौकरी देने के लिए भी कहा है.


कासगंज में क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी की शाम को सिढ़पुरा थाने के सब इंस्पेक्टर अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र सिंह को अवैध शराब के कारोबार की सूचना मिली थी. दोनों पुलिसकर्मी दबिश देने के लिए लोकेशन पर पहुंचे. माफियाओं को इस बात की भनक लगी, तो उन्होंने दोनों पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया और पीटा. माफिया ने उनकी वर्दी भी फाड़ दी और हथियार छीन लिए. इसके बाद दारोगा को रास्ते में कहीं फेंक दिया और सिपाही को अपने साथ ले कर चले गए थे. 


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