कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के गांवों की ओर कोरोना पांव पसारने लगा है. इसके चपेट में कई ग्रामीण आ गए हैं. ऐसे में जिले के अमनी लोकीपुर गांव को सेना की रेड ईगल-3 डिवीजन की टीम ने गोद ले लिया है. अब इस गांव में कौशांबी स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक सेना के अफसरों के दिशा निर्देश में इलाज कर रहे हैं.


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ग्रामीणों को कर रहे जागरूक 
 कौशांबी मंझनपुर मुख्यालय से महज 22 KM दूर मूरतगंज ब्लॉक के अमनी लोकीपुर निवासी सर्वेश त्रिपाठी फौज में कैप्टन हैं. उनको जब अपने गांव के हालात खराब दिखाई दिए तो उन्होंने अफसरों के इस बारे में बताया. इसके बाद रेड ईगल टीम ने समस्या को गंभीरता से लिया और अब सेना के अधिकारी गांव के प्राथमिक विद्यालय में ही कैंप लगाकर रहते है. सेना के जवान ग्रामीणों को कोविड-19 संक्रमण के खतरे के बारे में आगाह कर रहे हैं. साथ ही वैक्सीन लगवाने एवं सैंपलिंग के लिए लोगों को जागरूक भी करते हैं. सेना के द्वारा गांव को गोद लेने की जानकारी होते ही आसपास के तमाम ग्रामीण इलाज के लिए आने लगे हैं. 


वैक्सीन लगवाने की दी जाती है सलाह 
रेड इगल डिवीजन टीम के सूबेदार सुधीर कुमार के मुताबिक आर्मी ने इस गांव को गोद लिया है. कोविड के दौरान ग्रामीणों को तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं. 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है.


पीएचसी के साथ सेना के जवान कर रहे इलाज 
स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सेना के जवान मिलकर ग्रामीणों की छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. कौशाम्बी पीएचसी के अधीक्षक डॉ. गुलाम अली ने बताया कि दो से तीन दिन के भीतर 91 लोगों की सैंपलिंग करवाई है. अब तक दो सौ लोगों का टीकाकरण भी किया गया है. ये भी बताया कि रेड ईगल डिवीजन ने गांव को गोद लिया है. उनकी भी टीम हम लोगों के साथ ग्रामीणों के इलाज में सहयोग करती है.


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