रुद्रप्रयाग: बाबा केदार के कपाट खुलने में महज कुछ ही घंटों का वक्त रह गया है. कोरोना संकट के बीच बुधवार सुबह ठीक 6 बजकर 10 मिनट पर भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात बाबा केदार के कपाट खोले जाएंगे. केदारनाथ धाम को भव्य तरीके से सजाया गया है. बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली भी अपने अतिम पड़ाव केदारधाम में रात्रि प्रवास के लिये पहुंच गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लॉकडाउन में विशेष तैयारियों के साथ बाबा केदार की डोली 26 अप्रैल को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई थी. डोली ने पहला रात्रि प्रवास रामपुर फाटा करने के बजाय गौरीकुंड में किया और मंगलवार को दूसरे रात्रि प्रवास के लिये लिनचैली लाई गई.


भगवान केदार की पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ कल कपाट खुलते ही प्रारम्भ हो जाएगी. केदारनाथ में सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की जाएगी. इस बार कोरोना संकट के चलते धाम में बाबा के जयकारों का उद्घोष नहीं सुनाई देगा. मुख्य पुजारी समेत केवल 16 लोग की कपाट खुलते वक्त मौजूद रहेंगे. जिसमें बदरी-केदार मंदिर समिति के कर्मचारी, हकहकूकधारी, वेदपाठी और पुजारी मौजूद हैं. इस बार केदारनाथ के रावल भी क्वारंटाइन में होने के चलते कपाट खुलते वक्त मौजूद नहीं हो पाएंगे. उनके द्वारा अधिकृत मुख्य पुजारी ही कपाट खोलेंगे.


प्रशासन का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के बाद परिस्थितियां सामान्य होने के बाद ही यात्रा संचालन का निर्णय लिया जाएगा. केदारनाथ धाम और उसके आस-पास काफी बर्फ है जिससे कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है. केदारनाथ मंदिर की सजावट में करीब 10 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया है. संगम से मंदिर परिसर तक बर्फ को काटकर चार फीट चौड़ा रास्ता बनाया गया है.