जानें राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के Logo में थी क्या गलती? ध्यान दिलाए जाने पर किया गया सुधार
लोगो में वाल्मीकि रामायण की एक चौपाई लिखी गई है- ‘रामो विग्रहवान धर्म:’. जिसका मतलब है कि भगवान श्रीराम धर्म के मूर्त स्वरूप है. लेकिन `विग्रहवान` शब्द में `न` पर हलंत छूट गया था.
मनमीत गुप्ता/अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगो (Logo) में कुछ संतों ने एक गलती की तरफ ध्यान दिलाया. गलती का पता चलने के बाद ट्रस्ट द्वारा उसे तुरंत सुधार भी लिया गया. राम जन्मोत्सव के छठे दिन यानी 8 अप्रैल को ट्रस्ट की ओर जारी किए गए प्रतीक चिन्ह को भगवान श्रीराम की सूर्यवंशी परंपरा को ध्यान में रख कर बनाया गया है. लोगो में वाल्मीकि रामायण की एक चौपाई लिखी गई है- ‘रामो विग्रहवान धर्म:’. जिसका मतलब है कि भगवान श्रीराम धर्म के मूर्त स्वरूप है. लेकिन 'विग्रहवान' शब्द में 'न' पर हलंत छूट गया था. कुछ संतों द्वारा इस गलती की तरफ ध्यान दिलाए जाने के बाद ट्रस्ट ने इसे सुधार लिया और सुधार के बाद नया लोगो जारी कर दिया.
बता दें कि वाल्मीकि रामायण के अरण्य कांड का पूरा श्लोक इस प्रकार है "रामो विग्रहवान् धर्मा:, साधु: सत्य पराक्रम:, राजा सर्वस्य लोकस्य, देवानामीव वासव:''. यह श्लोक तब का है जब रावण मारीच से माता सीता के अपहरण में सहायता मांगता है. सहायता से पूर्व मारीच रावण को बुरा भला भी कहता है. इस श्लोक में मारीच श्रीराम की वैशिष्ट्य यानी विशेषताएं बयां करता है.
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लोगो में सूर्यवंशी राम का स्वरूप
बुधवार को लोगो जारी करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया था कि इस प्रतीक चिन्ह को सभी के विचारों से बनाया गया है. जिसे भगवान राम के जन्मोत्सव की छठी व हनुमान जयंती पर जारी किया गया. भगवान राम सूर्यवंशज हैं, सूर्य के प्रतीक में केसरिया गोला ओर उसकी किरणे हैं, भगवान श्रीराम खुद विराजमान हैं और भक्त शिरोमणि हनुमान राम के दोनों ओर स्थापित हैं. ट्रस्ट के लोगो की ऊपरी परिधि पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र लिखा हुआ है. नीचे धर्म के प्रतीक श्लोक का हिस्सा लिखा गया है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने एक अप्रैल को अपना दान खाता वाला बैंक अकाउंट भी जारी किया है.