LOCKDOWN: शब-ए-बारात पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, घरों में रहकर करें इबादत
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LOCKDOWN: शब-ए-बारात पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, घरों में रहकर करें इबादत

आज मुसलमान समुदाय के लिए इबादत और फजीलत की रात शब-ए-बारात है.

फाइल फोटो

लखनऊ: आज मुसलमान समुदाय के लिए इबादत और फजीलत की रात शब-ए-बारात है. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के बीच मुस्लिम धर्मगरुओं द्वारा लोगों से शब-ए- बारात में घरों में रहने की अपील की जा रही है.

दारुल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सूफियान ने अपनी अपील में कहा कि आज शब-ए-बारात है लेकिन तमाम लोगों से ये गुजारिश है कि वे अपने घरों में रहकर ही इसे मनाएं क्योकि लॉक डाउन चल रहा है तो कब्रिस्तान न जाये और घर मे ही रहकर इबादत करें.वहीं मुस्लिम धर्मगरू मौलाना खालिद रशीद ने भी मुसलमानों से घर पर ही रहने की अपील की है.

आपको बता दें कि शब-ए-बारात मुसलमान समुदाय के लोगों के लिए इबादत और फजीलत की रात होती है. शब-ए-बरात, शाबान महीने की 15वीं तारीख को मनाई जाती है. इस पाक रात को मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत करते हैं और अपने गुनाहों से तौबा करते हैं.

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इस्लाम में शब-ए-बारात की इतनी अहमियत क्यों?
शब-ए-बारात को फैसले की रात भी कहते हैं. माना जाता है कि अल्लाह इंसान की जिंदगी-मौत और आमाल मुतअल्लिक फैसले भी इसी रात को करता है इसलिए शब-ए-बारात की रात को इबादत करके अगले दिन का रोज़ा भी रखा जाता है, हालांकि ये रोज़ा फ़र्ज़ नहीं है.

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