नई दिल्ली: रोटी, दो जून की रोटी, रोटी कपड़ा और मकान, मेहनत की रोटी, गरीब की रोटी और रोज हमारे खाने में रोटी. कहावत से लेकर खाने तक रोटी बहुत समान्य है. लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया काफी मेहनत वाली है. खासकर गोल बनाना काफी मुश्किल काम है. उससे भी मुश्किल काम है रोटी को ठीक तरीके से फूलाना. एक चिपटे आटे की लोई फूलकर दो परतों में बंट जाए, तो उसे सही रोटी माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा क्यों होता है? आखिर क्यों फूलती है रोटी?


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आखिर रोटी दो परतों में क्यों बंट जाती है?
इसके पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है. दरअसल, रोटी के फूलने की वजह कार्बन डाईऑक्‍साइड गैस है. जब हम आटे में पानी मिलकार उसे गूंथते हैं, तब उसमें प्रोटीन की परत बन जाती है. इस लचीली परत को ग्लूटेन कहा जाता है. ग्लूटेन की सबसे खास बात है कि वो अपने अंदर कार्बन डाईऑक्‍साइड सोख लेता है.


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कार्बन डाईऑक्‍साइड का कमाल
ग्लूटेन युक्त यह आटा गूंथने के बाद फूलता भी है. इसके पीछे भी कार्बन डाईऑक्साइड ही है. इसलिए आटे को कुछ देर रखा भी जाता है. जब रोटी को सेंका जाता है, उस दौरान ग्लूटन कार्बन डाईऑक्साइ़ड को बाहर जाने से रोकता है. इस वजह से रोटी के बीच में गैस भर जाती है और वह फूल जाती है. वहीं, जो भाग तवे से चिपका रहता है, उस साइड परत बन जाती है.


जानिए कौन-सी रोटी ज्यादा फूलती है
दरअसल, गेंहू के आटे में ग्लूटेन अधिक मात्रा में होता है. इस वजह से गेहूं की रोटी आसानी से फूल जाती है. लेकिन वहीं, जौ, बाजरा, मक्के की रोटियां कम फूलती हैं. क्योंकि इनमें उस तरीके से ग्लूटेन नहीं बन पाता. अब तो आप समझ गए होंगे कि आपकी रोटी क्यों फूलती है?


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