Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले का कल श्रीगणेश होने वाला है. क्योंकि कल श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के संतों का प्रयागराज नगर में प्रवेश होगा. संतों का यह प्रवेश पूरे शाही अंदाज में होगा. . इसके लिए सुबह 11 बजे से ही पालकी, रथ और बग्घी आ जाएंगा. जिनके ऊपर सवार होकर सभी संत नगर के लिए रवाना होंगे. कल होने वाली इस शोभायात्रा में 1 हजार से भी अधिक साधु और संत नगर में प्रवेश यात्रा में शामिल होंगे. सुबह से शुरु होने वाली इस शोभायात्रा में सभी संत शाम 5 बजे तक यमुना तट के मौजगिरी घाट स्थित जूना अखाड़े के आश्रम में पहुंचेंगे. जूना के सभी साधु-संत महाकुंभ मेले के छावनी प्रवेश तक मौजगिरी घाट स्थित आश्रम में ही रहेंगे.


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1 हजार से अधिक साधु-संत
संगम नगरी प्रयागराज महाकुंभ के तैयारियों के बीच साधु संतों का आगमन भी शुरू हो गया है. श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के संत कल पूरी भव्यता के साथ नगर प्रवेश करेंगे. ढोल नगाड़ों के साथ एक हजार से अधिक संत, महंत, श्रीमहंत, महामंडलेश्वर और नागा संत कल रथ और पालकी में सवार होकर शोभायात्रा की शक्ल में नगर प्रवेश करेंगे. सुबह करीब 11 बजे रामापुर हनुमान मंदिर से साधु संतों का नगर प्रवेश शुरू होगा जो एक विशाल शोभायात्रा के रूप में शहर के कीडगंज स्थित मौज़गिरी घाट जूना अखाड़े के आश्रम पर पहुंचेगा. यहां पर विधिवत् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान दत्तात्रेय का पूजन और मां यमुना की आरती की जाएगी. 14 दिसंबर को छावनी प्रवेश यानी पेशवाई तक यमुना तट स्थित मौजगिरी आश्रम में ही संतो का जमावड़ा रहेगा.


तैयारियों में आएगी तेजी
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के संतों के नगर प्रवेश के साथ ही महाकुंभ की तैयारियां भी तेज हो जाएंगी. अखाड़े के साधु संत छावनी प्रवेश यानी पेशवाई, धर्म ध्वजा पूजन की तैयारियों में जुट जाएंगे. 23 नवंबर को मेला क्षेत्र में जूना अखाड़े के शिविर में भूमि पूजन और धर्म ध्वजा पूजन होगा. भूमि पूजन के साथ ही जूना अखाड़े की धर्म ध्वजा मेले में स्थापित हो जाएगी. 14 दिसंबर को संतों के शिविर में आगमन यानी छावनी प्रवेश के बाद अखाड़े का शिविर पूरी तरह से गुलजार हो जाएगा. जूना अखाड़े के संत प्रमुख रूप से तीनों राजशी यानी शाही स्नान में शामिल होंगे. 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर पहला राजशी स्नान होगा, जबकि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर्व पर दूसरा और 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर्व तीसरा राजशी स्नान होगा. तीनों राजशी यानी शाही स्नान के बाद जूना अखाड़े के प्रमुख संत काशी के लिए रवाना हो जाएंगे. हालांकि महाकुंभ का आयोजन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व तक चलेगा.


किन्नर अखाड़ा भी लेगा प्रवेश 
जूना अखाड़े के साथ ही 3 नवंबर को जूना अखाड़ा भी नगर में प्रवेश करेगा. रविवार को होने वाले नगर प्रवेश के दौरान किन्नर अखाड़े की तरफ से बड़ी संख्या में अखाड़े के जगद्गुरु, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, पीठाधीश्वर, महंत, श्रीमहंत और अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे. सभी पदाधिकारी बड़ी संख्या में अपने शिष्यों के साथ प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में आएंगे. 


देश-विदेश से भक्तजन
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के अनुसार इस बार होने जा रहे तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों का विशेष इंतजाम किया गया है. इस बार के महाकुंभ मेले में किन्नर अखाड़े के भक्तजन ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, रूस, जापान, कनाडा, इटली, भूटान, नेपाल के साथ बाती अन्य देशों से अपने परिवार के साथ आएंगे. 


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