Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए हैं. संगम नोज पर अचानक भीड़ होने और बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. घायलों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है. तो आइये जानते हैं क्‍या है संगम नोज?. 


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कहां हैं त्रिवेणी संगम?  
दरअसल, प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती का संगम होता है. जिस स्‍थान पर तीनों नदियों का मिलन हो रहा है, उस स्‍थान को त्रिवेणी संगम कहते हैं. पौराणिक मान्‍यता है कि त्रिवेणी संगम में स्‍नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन के सभी पाप धुल जाते हैं. हिंदू धर्म में यह अत्‍यंत पवित्र स्‍थल माना गया है. महाकुंभ के चलते त्रिवेणी संगम में स्‍नान का महत्‍व और बढ़ जाता है. 


तीर्थराज के नाम से जाना जाता है संगम 
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान विष्‍णु अमृत से भरा कुंभ (बर्तन) लेकर जा रहे थे. इस दौरान असुरों से छीना-झपटी में अमृत की चार बूंदें गिर गई थीं. यह बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्‍जैन रूपी तीर्थ स्‍थानों में गिरीं. जहां-जहां अमृत की बूंदें गिरीं वहां हर तीन-तीन साल पर बारी-बारी से कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है. इन तीर्थों में संगम को तीर्थराज के नाम से जाना जाता है. संगम में हर 12 साल पर महाकुंभ का आयोजन होता है.   


संगम नोज किसे कहते हैं?
त्रिवेणी संगम में गंगा-यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती के संगम होने से नोज बनता है. इसी स्‍थल को संगम नोज कहा जाता है. यही वह स्‍थल है जिसे त्रिवेणी संगम या संगम नोज कहा जाता है. संगम की महत्‍वा के कारण ही हर कोई यहां पुण्‍य की डुबकी लगाने की मंशा लेकर प्रयागराज पहुंचता है. महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु संगम नोज में स्‍नान के लिए पहुंच रहे हैं. 


 


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