नागपंथी गोरखनाथ अखाड़े का इतिहास हजार साल पुराना, 12 पंथों में बंटा है साम्राज्य
Nagpanthi Gorakhnath Akhara: यूपी महाकुंभ के लिए बिलकुल तैयार है. महाकुंभ हो और अखाड़े न हो ऐसा हो नहीं सकता. यानी जहां कुंभ वहां अखाड़े. महाकुंभ की शुरुआत अखाड़ों के स्नान के साथ ही होती है. अखाड़ों की सीरीज में हम बात करते हैं अब आइए जानते हैं श्री नागपंथी गोरखनाथ अखाड़े के बारे में...
History of Nagpanthi Gorakhnath Akhara: यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से लगने जा रहे महाकुंभ में साधु-संतों के 13 अखाड़े भी लाखों साधुओं के साथ शामिल होने जा रहे हैं. इन अखाड़ों में शैव और वैष्णव मत के मानने वाले दोनों हैं. अखाड़ों की सीरीज में आज हम आपको नागपंथी गोरखनाथ अखाड़े के बारे में बताने जा रहे हैं. नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा एक प्रमुख हिंदू साधु संगठन है, जो गोरखनाथ के अनुयायियों द्वारा संचालित किया जाता है.
निरंजनी अखाड़े का इतिहास 1700 साल पुराना, डॉक्टर-प्रोफेसर भी साधु, हजार करोड़ की संपत्ति
नागपंथी गोरखनाथ अखाड़े का इतिहास
नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा का इतिहास 12वीं शताब्दी में शुरू होता है, जब गोरखनाथ ने नाथ संप्रदाय की स्थापना की थी. गोरखनाथ एक महान योगी और संत थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए थे. गोरखनाथ के बाद, उनके अनुयायियों ने नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा की स्थापना की. यह अखाड़ा गोरखनाथ के शिक्षाओं और दर्शन को प्रसारित करने के लिए समर्पित है. आजकल, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा एक प्रमुख हिंदू साधु संगठन है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है. यह अखाड़ा गोरखनाथ के शिक्षाओं और दर्शन को प्रसारित करने के लिए समर्पित है, और यह हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है.
नागा साधुओं का शव क्यों नहीं जलाया जाता, अनोखी है अंतिम संस्कार की परंपरा
अखाड़े में बारह पंथ
इस अखाड़े का मुख्य दैवत गोरखनाथ है. यह अखाड़ा ईस्वी 866 में अहिल्या-गोदावरी संगम पर स्थापित हुआ था. इसके संस्थापक पीर शिवनाथजी थे. इस अखाड़े में बारह पंथ हैं. यह संप्रदाय योगिनी कौल नाम से प्रसिद्ध है.अखाड़े की त्र्यंबकेश्वर शाखा त्र्यंबकंमठिका नाम से जानी जाती है.
गोरखनाथ की अलख फैलाते हैं जोगी
इस अखाड़े से जुड़े जोगी भारत के कई प्रांतों में गोरखनाथ की अलख फैलाते हैं. साधु-संत गुरु गोरखनाथ और उनकी परंपराओं का पालन करते हैं. इस अखाड़े से जुड़ी परंपरा में गोरखपुर का गोरखनाथ सेवा संसथान और गोरखपंथी जूना अखाड़ा भी शामिल है. प्रमुख हिंदू साधु संगठन नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा एक प्रमुख हिंदू साधु संगठन है, जो गोरखनाथ के अनुयायियों द्वारा संचालित किया जाता है. यह अखाड़ा नाथ संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो गोरखनाथ के शिक्षाओं और दर्शन पर आधारित है.
भारत में 13 अखाड़े
जूना अखाड़ा,निरंजनी अखाड़ा,महानिर्वाणी अखाड़ा,आवाहन अखाड़ा,आनंद अखाड़ा,अटल अखाड़ा,पंचाग्नि अखाड़ा,नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा,वैष्णव अखाड़ा,उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन नया अखाड़ा,निर्मल पंचायती अखाड़ा,निर्मोही अखाड़ा.
महा कुंभ में पहला शाही स्नान
13 जनवरी को कुंभ के पहले शाही स्नान में यह अखाड़ा पूरी शान-ओ-शौकत के साथ पहुंचेगा. स्वर्ण-चांदी के रथ, अस्त्र शस्त्रों के साथ रेत पर दौड़ लगाते नागा साधु जब गंगा स्नान करेंगे तो वह दृश्य हर किसी को अभिभूत कर देता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
कैसे बनते हैं नागा साधु, छह महीने से 12 साल की कठिन अग्निपरीक्षा
कुंभ के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, रहस्यमयी है शिव की साधना में लीन साधुओं की दुनिया
मुगलों से लोहा लेने वाला जूना अखाड़ा, एक हजार साल पुराना इतिहास, हथियारों से लैस नागा साधुओं की फौज