प्रयागराज: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के जैसे ही कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों का योगी आदित्यनाथ सरकार पुनरुद्धार करा रही है जिसके अंतर्गत गंगा व यमुना नदी के सात घाटों को बिल्कुल नया रूप मिलने वाला है. घाटों को नव्य स्वरूप देने के इस काम का पचास प्रतिशत काम कर दिया गया है. जानकारों के अनुसार महाकुंभ से पहले इन घाटों के सौंदर्यीकरण का काम पूरा करने का लक्ष्य है. वहीं घाटों पर पर्यटकों की सहूलियत की कई व्यवस्थाओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जा सकता है ताकि यहां पर आने वाले पर्यटक अपना अच्छा समय बिता सकें. 


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11 करोड़ से अधिक की लागत से हो रहा है घाटों का पुनरुद्धार
गंगा और यमुना के घाटों पर श्रद्धालु विशेषकर आते हैं ऐसे में यमुना नदी के इन सात घाटों को नव्य रूप प्रदान किया जा रहा है. कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा की मानें तो 11.01 करोड़ की लागत से घाटों का नवीनीकरण किया जा रहा है. अब तक प्रोजेक्ट का करीब पचास फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है. जानकरी ये भी है कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद काम तेजी से होगा. 


गंगा और यमुना नदी के इन 7 घाटों का होगा कायाकल्प
बलुआ घाट, कालीघाट
रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी
नागेश्वर घाट झूंसी, मौजगिरी घाट 
पुराना अरैल घाट 


सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार 
नवंबर के पहले इन  घाटों का सौंदर्यीकरण और सुविधा विस्तार का काम पूर्ण हो जाएगा. किन घाटों का कितना प्रतिशत काम पूरा हुआ है-
मौजगिरी घाट का 40 फीसदी
नागेश्वर घाट का 35 फीसदी
छतनाग घाट का 30 फीसदी
रसूलाबाद घाट का 35 फीसदी
बलुआ घाट का 35 फीसदी 
पुराना अरैल घाट का 40 फिसदी 
कालीघाट का 50 फीसदी 
 
कई आधारभूत सुविधा 
जानकारी दे दें कि कुंभ मेला प्रशासन की प्राथमिकता श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उच्च दर्जे की सुविधा देना है. ऐसे में इन घाटों पर छतरी, हाईमास्ट, पेयजल जैसी आधारभूत व्यवस्था की जाएगी. स्वच्छ पानी के लिए आरओ, सचल टॉयलेट और चेंजिंग रूम की भी सुविधा प्रदान की जाएगी. इसी तरह बैठने के लिए बेंच की भी सुविधा होगी.


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